उज्जवल हिमाचल। डेस्क
झूठी शान और इज्जत का गुमान बड़े-बड़े लोगों की बुद्धि भ्रष्ट कर देता है और इज्जत के चक्कर में लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसका जीता जागता नमूना मेरठ में देखने को मिला है। 11 साल की मासूम बच्ची चंचल की हत्या उसके ही मां-बाप ने सिर्फ इसलिए कर दी क्योकिं चंचल लड़कों से हंसकर बात करती थी। चंचल के सनकी मां-बाप ने अपनी ही बेटी को जिंदा नहर में फेंक दिया और पकड़े जाने पर वजह बताई कि मासूम, लड़कों से घुलमिलकर रहती थी।
चंचल की हंसी और मासूमियत सबसे पहले उसके ही पिता को खटकने लगी। मानसिक रूप से सनकी पिता को यह बात सहन नहीं हुई और उसने मन में यह कल्पना कर ली कि आगे चलकर बेटी परिवार की इज्जत को निलाम कर देगी। इसलिए चंचल के पिता ने पत्नी के साथ मिलकर इस घिनौनी साजिश के चलते मासूम चंचल को नहर में धकेल दिया।
बागपत के सिंघावली निवासी बबलू परिवार के साथ गंगानगर में रहता है। बबलू ने अपनी बेटी चंचल की गुमशुदगी गंगानगर थाने में एक सितंबर को दर्ज कराई थी। पुलिस को जांच के दौरान पूरी बात का पता चला। 31 अगस्त की रात चंचल को उसके पिता बबलू और मां रूबी के साथ बाइक पर देखा गया। इसके बाद से चंचल का पता नहीं था। पुलिस ने बबलू और रूबी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा केस खुल गया।
बबलू ने बताया कि चंचल, लड़कों के साथ हंसकर बात करती थी और इसलिए उसे शक हो गया था। एसपी देहात केशव कुमार ने खुलासा किया कि बबलू इसी बात को लेकर 11 साल की बेटी चंचल से नफरत करने लगा। बबलू ने पत्नी रूबी को बेटी की हत्या की साजिश में शामिल किया। पत्नी को यह कहकर राजी किया कि यह परिवार को बदनाम कर देगी। इसके बाद दोनों, चंचल को बहाने से बाइक पर ले गए और भोला झाल पर टिकरी की ओर जाने वाली नहर में फेंक दिया। पुलिस ने हत्यारोपी मां-बाप को गिरफ्तार कर लिया है।
मेरठ के एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि मां-पिता ने ही बच्ची को नहर में फेंका था। बच्ची की तलाश की जा रही है। तीन टीमों को लगाया है। दोनों आरोपी मां-पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।