कल से खुल जाएंगे बृजेश्वरी मंदिर के कपाट

अंकित वालिया। कांगड़ा

प्रदेश में लंबे समय से बंद पड़े मंदिरों में कल फिर से दर्शनों के लिए कपाट खुल जाएंगे। कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के कारण प्रदेश सरकार ने मंदिरों में श्रद्धालुओं के दर्शन करने पर रोक लगा दी थी। जिस कारण बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिरों के बंद पड़े प्रवेश द्वार से ही दर्शन करके लौटना पड़ रहा था। इस बारे में उपमंडल अधिकारी कांगड़ा अभिषेक वर्मा ने बताते हुए कहा कि कांगड़ा में कल सुबह 5:00 बजे बृजेश्वरी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। जिसमें श्रद्धालु कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए दर्शन मंदिर के गर्भ ग्रह में जाकर दर्शन कर सकेंगे।

23 अप्रैल से मंदिर दर्शनों के लिए बंद पड़े हुए थे। अब 1 जुलाई से श्रद्धालु दर्शनों के साथ-साथ मंदिर की घंटी भी बजा सकेंगे। घंटी बजाने के स्थान पर साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से हाथ साफ करने के लिए सैनिटाइजर भी रखा जाएगा। श्रद्धालु गर्भ गृह में प्रवेश करके दर्शन कर सकते हैं। उसके साथ ही मंदिर की पूरी तरह परिक्रमा भी कर सकते हैं। श्रद्धालु गर्भ ग्रह में दर्शनों के साथ-साथ प्रसाद भी चढ़ा सकते हैं। श्रद्धालुओं को दर्शनों के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग भी बनाकर रखनी होगी। मंदिर में भजन, कीर्तन, जगराता, लंगर पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

बिना मास्क के किसी भी व्यक्ति को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। मंदिर में 16 होमगार्ड मौजूद है जिनमें से 11 होमगार्ड 1 जुलाई से मंदिर की व्यवस्था के लिए तैनात रहेंगे। मंदिर में श्रद्धालु अपने श्रद्धा अनुसार दर्शन कर सकते हैं।
यदि भीड़ ज्यादा रहती है तो पुलिस कर्मियों की सहायता भी ली जाएगी। वन वे व्यवस्था भी कल से और अधिक मजबूत होगी। तहसील चौक से गाड़ियों के प्रवेश के बाद कॉलेज रोड से ही बाहर निकलने दिया जाएगा।

 

  • खुल जाएगा प्राचीन प्रसिद्ध पुराना कांगड़ा का किला

पुराने कांगड़ा का प्रसिद्ध प्राचीन किला 1 जुलाई से खुल जाएगा। यह किला इस साल 15 अप्रैल से कोविड-19 के कारण बंद पड़ा हुआ था। 1 जुलाई से पुराना कांगड़ा का किला सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे तक खुला रहेगा। टिकट काउंटर पर ऑनलाइन माध्यम से बुक की गई टिकट से ही पर्यटकों को प्रवेश करने दिया जाएगा। आए हुए पर्यटक ऑनलाइन किसी भी माध्यम से टिकट बुक कर सकते हैं। एक व्यक्ति की टिकट का मूल्य 20 रहेगा। किले के बंद रहने के दौरान भी हर रोज 150 से 200 पर्यटक पहुंच रहे थे जिन्हें मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा था। पुराने कांगड़े के इस प्रसिद्ध किले को देखने के लिए देश विदेश से लोग आते हैं।