जसवां-परागपुरः- संजय पराशर ने कहा है कि जसवां-परागपुर क्षेत्र में गरीबों-वंचितों की महत्वाकांक्षाओं की सिरे से अनदेखी हुई है और विडंबना यह है कि गरीब परिवार अब भी जर्जर व जीर्ण-शीर्ण कच्चे मकानों में रहने को मजबूर हैं।
वीरवार को कोलापुर पंचायत के शिव मंदिर, चामुखा में आयोजित 46वें महायज्ञ में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए पराशर ने कहा कि गरीबी उन्मूलन के पीछे कार्य न कर पाने का बड़ा कारण यह रहा कि क्षेत्र का जनप्रतिनिधित्व करने वालों ने कोई विजन नहीं रखा और न ही क्षेत्र के उत्थान के लिए बड़े सपने देखे।
सिर्फ चहेते ही आंखों के तारे रहे और बाकि आम जनमानस को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया। संजय ने कहा कि उनका दृष्टिकोण यह है कि जसवां-परागपुर क्षेत्र को हर हाल में आगे लेकर चलना है और क्षेत्र की दशकों पुरानी समस्याओं का स्थाई समाधान किया जाएगा।
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संजय ने कहा कि गरीब व्यक्ति को भी सम्मान और गरिमा से जीने का अधिकार है। गरीबों के लिए शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसे सरोकार घर-द्वार पर ही उपलब्ध होने चाहिए, लेकिन कड़वा सच यही है कि मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण जनता हर रोज घुट-घुट कर जीने को विवश है।
बेरोजगारी के समंदर में रोजगार के अवसर बूंद समान तक नहीं मिल रहे हैं। युवा वर्ग पूरी तरह हताश व निराश हो चुका है। हालांकि उन्होंने कोरोनाकाल के बाद से ही युवाओं के बेरोजगारी के दर्द को समझा और एक हजार से ज्यादा नौकरियां देकर इस पीड़ा पर मरहम लगाने की कोशिश की है।
पराशर ने कहा कि उनका अगले पांच वर्ष में 25,000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है। इसके साथ ही क्षेत्र की महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए पंचायतों में लघु उद्योग खोले जाएंगे।
संजय ने कहा कि कोरोनाकाल की विपरित परिस्थितियों में जब मंदिरों की घंटियां तक बजनी बंद हो गई थीं और ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ तो हालात को संभालने के लिए वह खुद फील्ड में उतरे और कोरोना संक्रमित मरीजों के घर पहुंचकर उन्हें हौंसला देते रहे।
अमूल्य जानों को बचाने के लिए दवाइयां, मेडीकल उपकरण और ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर तक उपलब्ध करवाए। बावजूद इस विपदा के बाद जो तंत्र को स्वास्थ्य संस्थानों को मजबूत करना चाहिए था, उस सबक से अब तक सीख नहीं ली जा सकी है।
क्षेत्र की जनता को अब भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बाहर के अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है। पराशर ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों के ढांचे को मजबूत करना उनका लक्ष्य है और जसवां-परागपुर क्षेत्र में मेडीकल कॉलेज खोलना और सुपर स्पेशिलटी अस्पताल का निर्माण करवाना उनकी प्राथमिकता में शामिल रहेगा।
महायज्ञ में क्षेत्र के दो सौ से ज्यादा परिवारों ने भाग लिया और हवन यज्ञ में आहुतियां डालीं। इस अवसर पर बीडीसी सदस्य अनुज शर्मा, राज कुमार राणा, आशीष, वीना देवी, प्रमोद, त्रिलोक चंद, कृष्ण कुमार, विजय सिंह, पंकज, संसार चंद मेहता, बहादुर सिंह, विमला देवी, नीलम कुमारी, बिंदु वाला और सरिता राणा भी मौजूद रहे।
कांगड़ा ब्यूरो।