रक्कडः कैप्टन संजय ने कहा है कि वर्तमान समय में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है, लेकिन विडंबना यह है कि इसके लिए जमीन पर जो प्रयास करने चाहिए थे, वो कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। रविवार को मनियाला, सलेटी, सरड़ डोगरी व बणी में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रमों में पराशर ने कहा कि युवा वर्ग में रोजगार न मिल पाने के कारण निराशा व हताशा का माहौल है।
युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन सिस्टम रोजगार के साधनों का सृजन करने में पूर्ण रूप से असफल रहा है। युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए सार्वजनिक मंचों पर कोई बात नहीं होती व विधानसभा पटल पर रोड़ मैप बनाने पर चर्चा नहीं होती।
ऐसे में अगर बेरोजगारी दूर करने के लिए चुनावी मौसम में ही वादे व आश्वासन दिए जाते हैं तो समझा जा सकता है कि इस समस्या के समाधान के लिए सिर्फ कागजी बातें ही होती है। कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र में मेधावी विद्यार्थियों ने सदैव इतिहास रचा है। बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में ढांचा वर्षों पुराना ही चल रहा है और वर्तमान के प्रतियोगी दौर में इस दिशा में काफी कुछ होना शेष है।
यह भी पढ़ें: बंदरों के काटने से व्यक्ति पहुंचा IGMC
क्षेत्र के विद्यालयों में विज्ञान विषय में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए साइंस ब्लॉक सहित स्टाफ व अन्य सुविधाओं में भी इजाफा होना चाहिए, लेकिन सिवाय घोषणाओं से हम आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। परिणामस्वरूप विद्यार्थी होनहार होने के बावजूद अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने में कहीं न कहीं पीछे रह जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का माहौल बेहतर होना चाहिए।
संजय ने कहा कि अगर युवाओं को कौशल विकास सिखाकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएं जाएं तो निस्संदेह सुरसा के मुंह की बढ़ती हुई बेरोजगारी पर लगाम लगाई जा सकती है। कहा कि उन्होंने अपनी कंपनी के माध्यम से स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार दिया है तो मर्चेंट नेवी के माध्यम से भी नौकरियां प्रदान की हैं।
पराशर ने कहा कि अगर दृढ़ इच्छाशक्ति व विजन से कार्य किया जाए तो निस्संदेह युवाओं को अवसर प्रदान किए जा सकते हैं। क्षेत्र में नई औद्योगिक इकाईयों को स्थापित कर रोजगार के साधन विकसित किया जा सकते हैं। पराशर ने कहा कि अगर व्यक्ति के पास रोजगार होगा तो वह अपना घर बखूवी संभाल सकता है और वह क्षेत्र के विकास व तरक्की में भी योगदान दे सकता है।
ऐसे में रोजगार को लेकर बड़े स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। पराशर ने दावा किया कि अगर उन्हें क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता है तो अगले पांच वर्ष में 25 हजार नौकरियों को क्षेत्र में लाएंगे और इसके लिए उन्होंने अभी से धरातल पर काम करना शुरू कर दिया है।
संजय पराशर ने कहा कि महिलाओं को गांवों में ही रोजगार से जोड़ने के लिए उन्होंने विजन तैयार किया है ताकि महलाएं भी आर्थिक रूप से मजबूत हों। मर्चेंट नेवी में भी युवतियों को नौकरी दी गई है और भविष्य में यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी।