फसल विविधिकरण पर किसानों को दिया तीन दिवसीय प्रशिक्षण

कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पंकज सूद ने दी जानकारी

उज्ज्वल हिमाचल। मंडी

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के अंतर्गत राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो क्षेत्रीय केंद्र दिल्ली द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र मंडी में तीन दिवसीय फसल विविधिकरण को लेकर पायलट योजना में प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हो गया है। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, क्षेत्रीय केंद्र दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार ने किया और मंडी जिला के किसानों को फसल विविधिकरण को लेकर प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यक्रम में उपलब्ध करवाई गई वैकल्पिक भूमि उपयोग के बारे जानकारी

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभिन्न हितधारकों मुख्य रूप से धान के लिए कम उपयुक्त क्षेत्रों में फसल विविधिकरण के बारे प्रशिक्षित करना रहा। इस कार्यक्रम में विधिकरण के साथ-साथ सघन खेती पर भी चर्चा तथा वैकल्पिक भूमि उपयोग के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई गई। इसके अतिरिक्त फसल विविधिकरण उद्यानिकी एवं कृषि वानिकी उद्यमों द्वारा खाद्य, पोषण एवं आजीविका सुरक्षा, सतत मृदा स्वास्थय एवं भू-दक्षता क्षमता वृद्धि पर बल दिया गया।

कार्यक्रम में किसानों ने रखे अपने विचार 

वहीं कार्यक्रम में पहुंचे किसानों ने भी अपने विचार रखें। स्थानीय किसानों सविता ठाकुर और परम राम चौधरी का कहना है कि फसल विविधिकरण पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बहुत कुछ सीखने को मिला है। इसके तहत मशरूम सहित अन्य फसलों के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। इससे भविष्य में किसानों को उनकी पैदावार बढ़ाकर अच्छा लाभ प्राप्त करने में लाभ प्राप्त होगा।

मंडी में फसल विविधिकरण की हैंअपार संभावनांए 

इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. पंकज सूद ने कहा कि जिला मंडी में फसल विविधिकरण की अपार संभावनांए हैं। इसमें अग्रणी किसान, कृषि प्रसार अधिकारी, विकास अधिकारी तथा इनपुट डीलर्स किसानों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंडी जिला के किसानों को फसल विविधीकरण को लेकर प्रशिक्षित किया गया है। इससे किसानों के उत्पादन से उनके लाभ को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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