वेटनरी फार्मासिस्टों ने पदनाम बदलने की अधिसूचना का किया विरोध

ज्वालीः हिमाचल प्रदेश पशुपालन विभाग कर्मचारी संघ (वेटरनरी फार्मासिस्ट) जिला कांगड़ा कार्यकारिणी ने सरकार द्वारा जो पदनाम बदलने की अधिसूचना जारी की है, उसका विरोध किया है। संघ के प्रधान सतपाल सिंह ने ज्वाली में प्रेस वार्ता में कहा कि वेटरनरी फार्मासिस्ट संघ काफी लंबे समय से वेटरनरी फार्मासिस्टों का पद नाम बदलकर पंजाब की तर्ज पर पिछले 5 वर्षों से मांग कर रहा था।

इस सम्बन्ध में संघ के राज्य एवं जिला स्तर के पदाधिकारी कई बार मुख्यमंत्री एवं पशु पालन मंत्री से मिले थे जिसमें वेटनरी फार्मासिस्टों का पदनाम बदलना, चीफ वेटनरी फार्मासिस्टों का पदोन्नति पद बरकरार रखकर वितीय लाभ प्रदान करना, वेटनरी फार्मासिस्टों की भर्ती सीधी अनुबंध आधार पर करना, वेटनरी फार्मासिस्टों को वेटनरी सर्विस भत्ता देना और वेटनरी फार्मासिस्टों की वेतन विसंगतियों को दूर करना इत्यादि मागों सम्बन्धी कई बार सरकार को ज्ञापन सौपें।

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लेकिन सरकार ने उनकी एक भी मांग को नहीं माना। जिससे कर्मचारियों में काफी रोष है हाल ही में पैरा वेटनरी कौसिंल ने जिला ऊना में राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया।

जिसमें सभी जिलों से केवल 50-50 पैरा वैटस को बुलाया था। जिसमें पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर मुख्य अतिथि थे उन्होंने वहां वेटनरी फार्मासिस्टों का पदनाम बदलकर वेटनरी इन्सपेक्टर, पशु पालन सहायक का पदनाम बदलकर वरिष्ठ वेटनरी इन्सपेक्टर, एवं चीफ वेटनरी फार्मासिस्टों का पदनाम बदलकर चीफ वेटनरी इन्सपेक्टर करने की घोषणा की थी लेकिन अधिसूचना में जूनियर वेटनरी इन्सपेक्टर बना दिया गया।

संवाददाताः चैन सिंह गुलेरिया

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