वीडियो कांफ्रेसिंग में मुख्यमंत्री के समक्ष रखी मांगे

एस के शर्मा। बड़सर

चैरिटेबल अस्पताल भोटा में बहाल हो सामान्य ओपीडी वीडियो कांफ्रेसिंग में मुख्यमंत्री के समक्ष जिला परिषद अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने रखी मांग। जाहू, सुजानपुर व नादौन के दुकानदारों की भी सुने सरकार मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए ऊना व हमीरपुर जिला के जिला परिषद, ब्लाक समिति व प्रत्येक ब्लाक के 6-6 पंचायत प्रधानों से कोविड-19 महामारी के बचाव कार्यों को लेकर फीडबैक ली तथा उनसे सुझाव भी मांगे। इस दौरान हमीरपुर जिला परिषद अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री के समक्ष पंचायतों में किए जा रहे बचाव व जागरूकता कार्यों की जानकारी देने के साथ ही महत्वपूर्ण सुझाव भी रखे। उन्होंने बताया कि चैरिटेबल अस्पताल भोटा को कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है तथा अब 48 दिनों से वहां पर सामान्य ओपीडी नहीं हो पाई है। इस अस्पताल में जिला के सभी विधानसभा क्षेत्रों की लगभग 48 ग्राम पंचायतों के लोग उपचार करवाने आते हैं। कोविड-19 अस्पताल बनने के बाद ओपीडी बंद है।

इसलिए सरकार जिस वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीज रखे गए हैं, उसे छोडक़र अन्य वार्डों में दिन के समय ओपीडी चलाने की अनुमति दे ताकि यहां पर इलाज करवाने वाला गरीब तबका राहत की सांस ले सके। एक अन्य अहम सुझाव में उन्होंने अन्य जिलों से लगते नादौन, सुजानपुर व जाहू बाजार के व्यापारियों की परेशानी को सांझा करते हुए बताया कि यह तीनों बाजार व्यापारिक हब हैं, जहां साथ लगते जिलों से भी लोग खरीददारी करने आते थे लेकिन लॉकडाऊन के बाद अब अंर्तजिला ही आवाजाही होने के कारण बाजार भी सूने पड़े हैं तथा दुकानदारों के साथ लोग भी परेशान हैं। उन्होंने मांग रखी कि इन बाजारों के साथ लगते दूसरे जिलों के निकटवर्ती इलाकों के लोगों के लिए खरीददारी करने की अनुमति प्रदान की जाए। जिला परिषद अध्यक्ष ने बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों के लिए स्थापित 260 क्वारंटाइन सेंटरों की समस्या से अवगत करवाते हुए बताया कि कई सेंटरों में बाशरूम व शौचालय की सुविधा भी नहीं है। इस पर जिलाधीश हरिकेश मीणा ने समस्त ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए कि जिन सेंटरों में शौचालय या बॉशरूम नहीं है, वहां पंचायत प्रधान मनरेगा के तहत 1 लाख रुपए की धनराशि खर्च उनका निर्माण करवाएं। मुख्यमंत्री ने उनके सुझावों को सुना तथा इनके जल्द निवारण करने के प्रति आश्वास्त किया। वीडियो कांफ्रेसिंग में पंचायत राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, मुख्य सचिव, सचिव ग्रामीण विकास विकास, निदेशक पंचायती राज विभाग आदि भी मौजूद रहे।