जानिए करोड़ों की पेयजल योजना पर उठ रहे सवालों पर क्या कहता है विभाग

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

जिला मंडी के सुंदरनगर में बन रही करोड़ों की पेयजल योजना को लेकर उठाए गए सवालों पर अब जलशक्ति विभाग भी सामने आ गया है। जलशक्ति विभाग सुंदरनगर के अधिशासी अभियंता अनिल वर्मा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना का पानी आगामी 40 सालों तक सुंदरनगर शहरी क्षेत्र की जनता को पूरे मापदंडों के तहत सप्लाई किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये योजना भविष्य के लिए सुंदरनगर शहरी क्षेत्र की जनता के लिए सार्थक सिद्ध होगी और जो पेयजल की समस्या की किल्लत आ रही है उससे भी काफी हद तक निजात मिलेगी। वर्तमान में सुंदरनगर मंडल में जल शक्ति विभाग के तहत जो भी प्राकृतिक और भूमिगत जल स्त्रोत हैं। उनसे गर्मी के मौसम में पानी की पर्याप्त आपूर्ति आम जनता को नहीं हो पाती है। जलाशय से पानी उठाने के बाद लोगों को 24 घंटे पीने के लिए पानी मिलेगा और यह पानी सुंदरनगर की जनता को डब्ल्यूएचओ के मापदंडों के अनुसार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना 23.21 करोड़ लागत से स्थापित की जा रही है।

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इसमें 5.50 करोड रुपए इस योजना के तहत पानी को नगौण खड्ड में सिर्फ प्यूरिफाई करने के लिए 3 अलग-अलग टैंक बनाकर वितरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग आम जनता की सुविधा और सेहत को मद्देनजर रखते हुए ही इस योजना का पानी प्रेषित करेगा और इस योजना के पानी को लेकर जो लोगों के मन में भ्रांतियां उन्हें भी दूर किया जाएगा। उन्होंने लोगों से भी सहयोग की अपील की है। अनिल वर्मा ने कहा कि विभाग आम जनता को पीने योग्य पानी और मानकों के अनुरूप ही आपूर्ति करेगा। जलाशय में वर्तमान में मौजूद कब्रिस्तान बहुत पुराना है और इसे अब उपयोग में लाया नहीं जाता है। इस कारण जलाशय के पानी को प्रदूषित होने का सवाल नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि व्यास सतलुज सहित अन्य कई नदियों का पानी हिमाचल प्रदेश की जनता को लिफ्ट करके वितरण किया जा रहा है तो आज तक हिमाचल प्रदेश में कोई भी किसी तरह की समस्या पैदा नहीं हुई है।

  • 23.21 करोड़ रूपयों से निर्मित हो रही योजना

जलशक्ति विभाग द्वारा सुंदरनगर शहर को 24 घंटें पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को लेकर 23 करोड़ 21 लाख से बन रही उठाऊ पेयजल योजना का कार्य प्रगति पर है। इस योजना के तहत बीबीएमबी जलाशय से पानी को उठाने के बाद नगौण खड्ड में डब्ल्यूएचओ के मापदंड के अनुसार प्यूरीफाई कर सप्लाई किया जाएगा। वहीं इस पेेयजल योजना से विभाग द्वारा आगामी 50 वर्षों तक क्षेत्र के लोगों को पेयजल की किल्लत नहीं आने का दावा भी किया जा रहा है।

  • हयड्रोलॉजिस्ट कर चुके हैं जांच

ई. अनिल वर्मा ने कहा कि जलाशय से पानी उठाने की योजना को बेवजह शंका पैदा की जा रही है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जलाशय से पानी उठाने को लेकर हयड्रोलॉजिस्ट द्वारा जांच की गई है। उन्होंने कहा कि नए टयूबवेल लगाने के लिए क्षेत्र में स्थान नहीं है और खड्डों में भी पानी नाममात्र ही है। बीबीएमबी नहर इस समय क्षेत्र में सबसे बड़ा पानी का स्त्रोत है और जांच के उपरांत ही योजना को डिजाइन किया गया है।

  • तीन चरणों में होगी पानी की प्यूरीफिकेशन

अनिल वर्मा ने कहा कि जलाशय से उठाए जाने वाला पानी तीन चरणों में प्यूरिफाइड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहला चरण प्री-सेटलिंग,दूसरा चरण सेकेंडरी सेटलमेंट और तीसरा चरण फिल्टरिंग का होगा। इसके उपरांत गैसियस क्लोरिफिशेशन से इसे कीटाणु रहित किया जाएगा। वहीं पानी में मौजूद सिल्ट को चेक करने के लिए 24 घंटे टरबीलिटी सेंसर के द्वारा नजर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्यूरिफिकेशन सीपीएचईओ के मापदंड के अनुसार की जाएगी।