लाेगाें के लिए सफेद हाथी बना ओवरहेड टैंक

रवि ठाकुर। बड़सर

उपमंडल बड़सर के अंतर्गत आईपीएच विभाग की कार्यप्रणाली लोगों को रास नहीं आ रही है। मामला उपमंडल की ग्राम पंचायत टिक्कर राजपूता का है, जहां पर लोगों की पेयजल समस्या का समाधान करने के लिए ओवरहेड टैंक तो बना दिया गया, लेकिन सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग उसमें पानी नहीं भर सका। टैंक के तैयार होने के बाद स्थानीय विधायक द्वारा उसका उद्घाटन भी कर दिया गया, लेकिन विडंबना देखिए आज तक इस ओवरहेड टैंक में न तो पानी भरा जा सका और न ही लोगों को किसी प्रकार की सुविधा मिल सकी।

पेयजल की बूंद बूंद के लिए तरस रहे उप मंडल के ग्रामीण क्षेत्राें के लिए जल शक्ति विभाग द्वारा कई पेयजल स्कीम में चलाई जा रही हैं, लेकिन अगर इन स्कीमों की जमीनी स्तर पर तहकीकात की जाए, तो वही ढाक के तीन पात नजर आते हैं। टिक्कर राजपूत गांव के पास बने 60500 लीटर भंडारण क्षमता के पेयजल टैंक के लिए विभाग द्वारा लगभग 25 लाख रुपए का भारी भरकम खर्च कर दिया गया। 2013 मैं बनकर तैयार हुए इस जल भंडारण टैंक का उद्घाटन आईपीएच विभाग द्वारा स्थानीय विधायक इंदर दत्त लखन पाल के द्वारा सन् 2017 में करवा दिया गया, लेकिन गांव के लोगों का कहना है कि यह जल भंडारण टैंक निर्माण के बाद से केवल सफेद हाथी बना हुआ है।

आज दिन तक इस टैंक के माध्यम से कोई पानी की सप्लाई नहीं हो पाई हालांकि विभाग द्वारा इसे भरने के लिए एक जगह बोर भी किया गया था, लेकिन वह भी कामयाब नहीं हो सका। अब सवाल यह होता है कि जब टैंक में पानी डाला ही नहीं जाना था या फिर वहां पानी का कोई सोर्स उपलब्ध नहीं था, तो इतनी भारी-भरकम राशि किस लिए खर्च कर दी गई। जनता के पैसे की इस तरह से बर्बादी कहां तक जायज है। इसका जवाब संबंधित विभाग व सरकार से लोग मांग रहे हैं।

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में तीसरे दिन पेयजल सप्लाई की जाती है। इसी समस्या को हल करने के लिए यह भंडारण टैंक बनाया गया था, लेकिन लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी यह सफेद हाथी बना हुआ है। इसलिए विभाग से मांग है कि जल्दी से जल्दी इस टैंक को उपयोग में लाकर जनता को राहत दी जाए। अधिशाषी अभियंता आईपीएच राजीव सहगल का कहना है कि मुझे 6 महीने ही मात्र ज्वाइन किए हुए हैं और आप के माध्यम से ही यह जानकारी मिली है। शीघ्र ही इस टैंक में पेयजल सप्लाई डालकर लोगों को राहत प्रदान की जाएगी।