पंजाब पहुंची 50 टन ऑक्सीजन, किल्लत बरकरार

उज्जवल हिमाचल। चंडीगढ़

पंजाब में चल रहा ऑक्सीजन का संकट कुछ समय के लिए टल गया है। चार दिनों तक ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित रहने के बाद गत दिवस देहरादून व पानीपत से 50 टन ऑक्सीजन पहुंच गई है। हालांकि, अभी किल्लत बरकरार है। हरियाणा सरकार ने अपनी आपूर्ति सुनिश्चित करने के चलते पंजाब की सप्लाई बाधित कर दी थी। वहीं, देहरादून में प्लांट खराब होने की वजह से चार दिन तक 90 टन सप्लाई बाधित हुई। राहत की बात यह हुई कि इस बीच हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित प्लांट से पंजाब को मिलने वाली 40 टन ऑक्सीजन के बजाय 68 टन सप्लाई मिलती रही।

पंजाब सरकार ने इंडस्ट्री को मिल रही 115 टन सप्लाई में से 15 फीसद की कटौती करके काम चला लिया। उधर, शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आश्वस्त किया कि किसी भी राज्य के लिए निर्धारित की गई ऑक्सीजन को रोका नहीं जाएगा। उसकी निर्बाध आपूर्ति की जाएगी। इस फैसले के बाद पानीपत में रुके टैंकर सप्लाई लेकर अमृतसर व अन्य शहरों में पहुंचे। पंजाब को चार प्लांटों से ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। इनमें रुड़की से 14 टन, पानीपत से 20 टन, देहरादून से 30 टन और बद्दी से 40 टन।

19 अप्रैल को देहरादून के प्लांट में बाधा आने के चलते पंजाब को यहां से मिलने वाली 30 टन ऑक्सीजन के बजा नौ टन और 21 अप्रैल को सात टन सप्लाई मिली। 22 अप्रैल को कोई टैंकर नहीं आया। पानीपत में भी दो दिन सप्लाई बाधित हुई। अब वहां से 20 टन ऑक्सीजन मिल गई है। इंडस्ट्रीज विभाग के डायरेक्टर सिबिन सी. ने कहा कि अब टैंकरों के साथ पुलिस को भी लगाया गया है, ताकि कोई दिक्कत न आए।

पंजाब सरकार ने एडीजीपी वी. नीरजा को इस के लिए नोडल अधिकारी बनाया है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव कुमार राहुल ने दावा किया कि छह माह में पंजाब ने अपनी क्षमता में वृद्धि की है। लुधियाना, होशियारपुर और जालंधर में 700 एलपीएम (लीटर्स पर मिनट) के प्लांट लगाए हैं। 1000 एलपीएम का एक प्लांट फरीदकोट में लगाया गया है।