उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा
क्षेत्र में पहली बार पर्मांनेंट पेसमेकर को लेफ्ट बंडल ब्रांच पेसिंग (एलबीबीपी) अत्याधुनिक तकनीक द्वारा प्रत्यारोपित किया गया। जिससे 60 वर्षीय महिला को कंप्लीट हार्ट ब्लॉकेज (heart blockage) के बावजूद बचाया जा सका। इससे पहले मरीज को बार-बार चक्कर एवं बेहोशी के दौरों की शिकायत थी और उसकी हृदय गति भी कम थी। फोर्टिस अस्पताल, कांगड़ा में कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. निखिल ने रोगी की कंप्लीट हार्ट ब्लॉकेज का पता लगाया और उसे परमांनेंट पेसमेकर लगाने की सलाह दी।
डॉ. निखिल ने बताया कि लेफ्ट बंडल ब्रांच पेसिंग हृदय के शीर्ष भाग को बायपास करने और रोगी को फिजियोलॉजिकल पेसिंग प्रदान करने के लिए एक नई तकनीक है। एलबीबीपी एक चुनौतीपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि हमें लेफ्ट बंडल के एक विशिष्ट छोटे क्षेत्र को ढूंढना पड़ता है और इसे गति देनी पड़ती है। डॉ. निखिल ने बताया कि हमें लेफ्ट बंडल ब्रांच के उपयुक्त पैरामीटर मिल गए और पेसमेकर को सफलतापूर्वक (successfully) प्रत्यारोपित कर दिया गया।
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प्रक्रिया के 2 दिन बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई। फोर्टिस अस्पताल, कांगड़ा में इस अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धति के चलते भी अधिकांश रोगी क्षेत्र में उपलब्ध सुविधाओं से अवगत नहीं हैं। फोर्टिस अस्पताल, कांगड़ा (Fortis Hospital, Kangra) का लक्ष्य प्रदेश में बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना है, ताकि मरीजों को बाहरी राज्यों का रूख न करना पड़े और उन्हें अत्याधिक आर्थिक हानि से भी बजाया जा सके। डॉ. निखिल ने बताया कि फोर्टिस अस्पताल, कांगड़ा में हिमकेयर के तहत भी उपचार सुविधा उपलब्ध है।