उज्जवल हिमाचल। नूरपुर
विकास खंड नूरपुर की पंचायत सुखार के गांव सरनूह की अस्सी वर्षीय बुजुर्ग महिला बिल्लो देवी पत्नी केसर सिंह पिछले कई सालों से केंद्र और प्रदेश सरकार की प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजनाओं के तहत मिलने वाले पक्के मकान के अनुदान के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
एक कमरे के कच्चे और जर्जर हो चुके मकान में अपने एक बेटे जो कि लम्बी बीमारी के चलते दिहाड़ी मजदूरी करने में भी असमर्थ है। इन हालातों में यह माँ और बेटा इस जर्जर मकान में अपना गुजर बसर कर रहे हैं। जर्जर मकान कभी भी गिरकर परिवार पर कहर बन सकता है।
हैरानी की बात यह है कि गांव की इस पात्र बुजुर्ग महिला ने न तो बीपीएल श्रेणी में दर्ज है और न ही इस परिवार को गृहणी सुविधा योजना के अंतर्गत मुफ्त गैस सिलेंडर मिला है। न ही शौचालय की कोई सुविधा मिल सकी है। सरकार की व्यवस्था की पोल खोल रही है कि पात्र लोग किस प्रकार लाचार व्यवस्था के शिकार हो कर सरकार की योजनाओं से वंचित कर दिए जाते हैं।
बुजुर्ग महिला बिल्लो देवी ने भरे गले से बात करते हुए बताया कि मैं एक बेसहारा, गरीब बुजुर्ग महिला हूं। मेरा एक बेटा है। जिसके दो आपरेशन हो चुके हैं। बीमारी की वजह से वह दिहाड़ी मजदूरी भी नहीं कर सकता है। मेरा कच्चा मकान पूरी तरह गैर हो चुका है, वह कभी भी गिर सकता है।
लोक सभा चुनावों से पहले जियो टैगिंग में भी उनका नाम दर्ज किया गया था। लेकिन मुझे पिछले पांच सालों से सिर्फ आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। चुनावों में राजनीतिक लोग भी आश्वासन देकर वोट ले लेते हैं। लेकिन पलट कर कोई भी सुध नहीं लेता है।
बिल्लो देवी ने सरकार और प्रशासन से सवाल किया है कि यदि पात्र लोगों के कल्याण के लिए सरकारी योजनाएं हैं, तो आखिर उसका कसूर क्या है। जो इन योजनाओं में क्यों नहीं अब तक आ सकी। इस मामले मे बुजुर्ग महिला के पुत्र सन्तोष कुमार ने कहा कि हमें कोई सुविधा नहीं है। मैं बीमार रहता हूं। मेरे दो आपरेशन हुए हैं। मैं दिहाड़ी मजदूरी भी नहीं कर सकता हूं।
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भाजपा सरकार ने पांच साल तक आश्वासन दिया कि आपका मकान बना दिया जाएगा। पर कुछ नहीं हुआ। अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से परिवार के लोगों ने निवेदन किया कि इस मामले में सम्बधित विभाग को आदेश दिया जाए कि धरातल पर जाकर तुरंत कदम उठाया जाए।
इस मामले में पंचायतों, प्रधान सोनिया देवी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत की गई। जियो टैगिंग में पंचायत में 170 मकान अंकित किए गए थे, जिनमें तीन मकान स्वीकृत हुए थे। इनके मकान को लेकर भी आवेदन प्रधानमन्त्री आवास योजना में डाला हुआ है।
जैसे ही मंजूरी मिलेगी तो इनका मकान बना दिया जाएगा। गृहणी गैस सिलेंडर सुविधा में इनका फार्म किन्हीं कारणों से रद्द हो गया था। भविष्य में जब भी यह योजना आएगी, तो इन्हें यह सुविधा भी दी जाएगी। रही बात आईआरडीपी की सुविधा की तो इनका नाम सस्ते राशन में है।
नूरपुर भाजपा के विधायक रणबीर सिहं निक्का ने कहा कि मीडिया दारा यह मामला उनके नोटिस में आया है। उन्होने हैरानी जताई कि प्रधानमंत्री की इस योजना के तहत इस परिवार की आवश्कता को पूरा करने चाहिए था। अब गैर राजनीति के आधार पर इस मामले को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने परिवार के सपने को पूरा करने से लिए निवेदन किया जायेगा।