सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार ढालें शास्त्री व एलटी को टीजीटी का दर्जा

एस के शर्मा। हमीरपुर

प्रदेश सरकार द्वारा भाषा शिक्षकों व शास्त्री अध्यापकों को टीजीटी बनाने के लिए पंजाब हरियाणा की तर्ज़ पर निर्णय लिया जा रहा है मगर इससे जुड़े सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का भी सम्मान प्रस्ताव निर्माण के दौरान किया जाए । हरियाणा में सीएंडवी वर्ग के शिक्षकों को 2012 में टीजीटी कैडर में लाया गया और फिर इन शिक्षकों ने टीजीटी संवर्ग के लिए आरक्षित हेडमास्टर कोटा में पदोन्नतियाँ मांगी जिसके ऊपर चला मामला सुप्रीम कोर्ट गया और एसएलपी संख्या 112952019 के अंतर्गत 6 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने उनको टीजीटी फीडिंग काडर से हेडमास्टर अन्य पदोन्नति देने के निर्णय को गलत ठहराते हुए खारिज कर दिया । यह जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन लाल, माहासचिव विजय हीर, स्टेट सदस्य देशराज व संजय ठाकुर, ओमप्रकाश, पवन रांगड़ा, जिला इकाईयों के प्रधान विजय बरवाल, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया, राकेश चौधरी, डॉ0 सुनील दत्त, नीरज भारद्वाज, रिग्ज़िन सैंडप,शेर सिंह, पुष्पराज खिमटा, रामकृष्ण, अमित छाबड़ा, देशराज शर्मा ने प्रदेश सरकार को इस निर्णय को फ़ाईनल करने से पहले टीजीटी संघों से वार्ता करने की अपील की है, वरना शिक्षक संघ वैधानिक लड़ाई शुरू करेगा ।

संघ ने कहा कि टीजीटी कैडर के 14224 चिह्नित पदों में दस प्रतिशत पद पदोन्नति से भरने हेतु सी एंड वी शिक्षकों हेतु कई वर्षों से आरक्षित हैं और राज्य में स्नातक बी0एड0 शास्त्री व भाषा अध्यापक इस कोटे से टीजीटी पदोन्नत होते हैं मगर इसके लिए उनको टीजीटी टीईटी पास करना होता है जो कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम में अनिवार्य है और प्रदेश हाईकोर्ट के प्रेम सागर बनाम हिमाचल सरकार मामले से टीईटी में कोई भी छूट पदोन्नति हेतु देय नहीं हो सकती है मगर प्रदेश में आरटीई एक्ट की इस शर्त में छूट देना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कदम होगा । ऐसे में सरकार को विधि विभाग से परामर्श करना चाहिए । जिला कैडर वाले शास्त्री व भाषा शिक्षक पद अगर स्टेट कैडर वाले टीजीटी वर्ग में शामिल होंगे तो उनका कैडर भी स्टेट होगा और केवल पदनाम नहीं बदलेगा । जिन शिक्षकों की पदनाम बदलने की योग्यता न होगी, वे जिला कैडर में रह जाएंगे और वैधानिक रूप से उनका पदनाम भी नहीं बदला जा सकेगा । मूल कैडर बदलने पर नियमानुसार इनकी वरिष्ठता टीजीटी कैडर में लागू नहीं होगी और अगर ये दी जाती है तो हजारों टीजीटी शिक्षकों के हितों पर यह सीधा कुठाराघात होगा।

सही रूप से ये फैसला हरियाणा की तर्ज़ पर लागू करने हेतु पीईटी को टीजीटी शारीरिक शिक्षाए ड्राईंग मास्टर को टीजीटी कला बनाना होगा और टीजीटी अंग्रेज़ी, टीजीटी हिन्दी, टीजीटी सामाजिक अध्ययन, टीजीटी गणित, टीजीटी विज्ञान के पद पृथक .पृथक तय करने होंगे जिससे वरिष्ठता का बवाल खड़ा होना तय है । संघ ने कहा कि सरकार चाहे तो टीजीटी पदोन्नति कोटा को सीएंडवी वर्ग हेतु बढ़ा सकती है लेकिन शैक्षिक योग्यता नियम यथावत रहें और टीजीटी कैडर के प्रवक्ता स्कूल न्यू व हेडमास्टर कोटे से इस संदर्भ में कोई छेड़छाड़ न की जाए । यदि नया प्रस्ताव इन विधि मानकों पर खरा न उतरा तो संघ आंदोलन करेगा ।
..