शिमला के बाद मंडी में तेंदुए का आतंक गांव की 70 मुर्गियों को काटा

लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद किया पिंजरे में कैद

उमेश भारद्वाज। मंडी

अभी राजधानी शिमला में तेंदुए द्वारा दीपावली की रात मात्र 5 वर्ष के मासूम की जिंदगी को खत्म करने के मामले को घटित हुए कुछ ही दिन बीते हैं। वहीं सोमवार सुबह मंडी जिला के सुंदरनगर के ग्रामीण क्षेत्र में एक तेंदुए ने जमकर उत्पात मचाया। गनीमत यह रही कि तेंदुए का शिकार कोई ग्रामीण नहीं बना और समय रहते गांव के सेवानिवृत्त सूबेदार बेसर राम उर्फ गोपाल द्वारा बहादुरी का परिचय देते हुए उसे मुर्गीखाने में बंद कर दिया गया।

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लेकिन रिहायशी इलाके में तेंदुए के सरेआम चहल कदमी से ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। मामला मंडी जिला के विकास खंड सुंदरनगर की ग्राम पंचायत पलौहटा के गांव नैहरा का है। जहां पिछले कई दिनों से घात लगाकर लगभग 70 मुर्गियों को डकारने वाले तेंदुए को पकड़ लिया गया। जानकारी देते हुए सेवानिवृत्त सूबेदार बेसर राम उर्फ गोपाल ने कहा कि पिछले कई दिनों से तेंदुआ घात लगाकर मुर्गियों को खाता जा रहा था।

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तेंदुआ लगभग 70 मुर्गियों को डकार गया। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन मुर्गियां कम होने को लेकर वे भी परेशान थे। वहीं सोमवार सुबह 5 बजे उन्होंने मुर्गियों के चिल्लाने की आवाज सुनकर मुर्गीखाने की ओर गए। इस पर उन्होंने मौके पर एक खुंखार तेंदुए को मुर्गीखाने में मुर्गियों को खाते हुए पाया। बेसर राम ने कहा कि उन्हें देखकर तेंदुए ने उनपर पर भी हमला करने की कोशिश की और मुस्तैदी के साथ मुर्गीखाने का दरवाजा बंद कर दिया। इससे तेंदुआ मुर्गीखाने में कैद हो गया।

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