भारी तूफान व बारिश से सेब की फसल तबाह

शैलेश शर्मा। चंबा

एक तरफ करोना की मार तो दूसरी तरफ मौसम की मार ने गरीब ग्रामीण बागवानों की कमर ही तोड़ के रख दी है। बताते चले कि वैसे भी इस वर्ष सेब कि फसल न के बराबर थी, तो वहीं बगीचों में लगे चंद सेब के दाने आई तेज आंधी और बारिश के बाद पड़े बर्फ के गोलों ने झाड़ के रख दिए है। परेशान बागवान जिनके परिवार की दो वक़्त की रोटी और बाकी परिवार का गुजारा साल भर इन्हीं बगीचों के माध्यम से चलता था। आज उनका यह सहारा भी इस आई तेज आंधी और बारिश ने उजाड़ के रख दिया है। मायूस हो चुके यह गरीब बागवान प्रदेश सरकार से और जिला प्रशासन से इसकी थोड़ी सी भरपाई कि जाए मांग कर रहे है।

बागवानों के खेतो में दिख रहे यह सेब के बागीचे जो कि इस महीने सेबो से लदे हुआ करते थे, आज उन सभी सेब के पेड़ों पर सेब कम और पत्ते ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। बताते चले कि इस बार सेब के पेड़ों पर ठीक ठाक से फूल पड़ा हुआ था, पर पीछे हुई बेमौसमी बारिश और उसके बाद बारिश के साथ गिरे ओलों की वजह से सब खुश तबाह हो गया है। बड़े बड़े बगीचों के मालिक तो इस बार सेब कि फसल नहीं होने से परेशान है ही। वहीं, छोटे छोटे बागवान भी इससे काफी परेशान दिखे।

अपने बगीचे में खाली पेड़ों को निहारते इस बागवान ने अपना दुखड़ा सुनात हुए कहा कि वैसे तो हमारे यंहा के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र बेमौसमी सब्जियों और सेब की फसल पर ही आधरित है और उसी से हमारी सारे साल की आए चलती है, जिससे हमारे पोषण चलता है। इस बागवान ने बताया वैसे तो इस बार अच्छी बर्फ बरी हुई थी और लग रहा था कि सेब की फसल भी अच्छी होगी पर अप्रैल महीने में जो ओला वृष्टि हुई उससे हमारे इलाके की फसल लगभग पूरी तरह से तब्हा ही है और बची हुई सेब की फसल अभी जो तेज तूफान आया उसके कारण तबाह हो गई है।

इन लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जिस तरह से प्रदेश सरकार किसी भी क्षेत्र में लोगों को राहत दे रही है उसी तरह हम गरीब बागवानों को भी आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि जिस बागवान बगीचों में खाद के साथ किट नाशक दवाइयों को कर्जे में लिए था उनको अगर कुछ सरकारी सहायता मिलती है, तो थोड़ी बहुत राहत जरूर मिलेगी। वैसे तो हरेक बागवान अपनी तबाह हो चुकी सेब की फसल को लेकर चिंतित है। क्योंकि एक गरीब किसान की रोजी-रोटी और उसके परिवार का गुजारा इसी खेती से होता है, पर यह जानना हमारे लिए इसलिए भी जरूरी था कि आखिरकार इतनी अच्छी हुई फ्लावरिंग के बाद इसमें सेब की पैदावार क्यों नहीं हुई।

यह सब जानने के लिए हमारी टीम उद्यान विभाग उप निदेशक के कार्यालय में जा पहुंची और वंहा पर बैठे उधान विभाग के उप निदेशक ने हमे बताया कि इसमें कोई सक नहीं कि इस बार सेब की बहुत बढ़िया थी, पर यह भी देखने को मिला कि इस बार तापमान में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव होता रहा, जिसकी वजह से जितना सेब के पेड़ों पर फूल था वः सारा फल में तब्दील नहीं हो सका और इसके बाद बेमौसमी बारिश और साथ में कई जगहों पर बहुत ज्यादा लोला वरिस्ठी हुई है, जिस कारण फूल झड़ गया और सेटिंग में भी बहुत ज्यादा दिक्तत आई।

उद्यान विभाग के उप निदेशक सुशिल कुमार अवस्थी ने बताया कि इस बेमौसमी बारिश और साथ में हुई ओला वरिष्ठी के चलते 30 से 40% तक सफल जो थी गिर गई है। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में तो यह देखा जा रहा था कि इस बार चंबा जिला से 90% सेब की फसल का उत्पादन हो सकता है, पर बेमौसमी बारिश के साथ में कई जगहों पर बहुत ज्यादा ओला वरिष्ठी हुई है, जिस कारण फूल झड़ गया और सेटिंग नहीं होने से सेब की फसल में 30 से 40% तक फसल जो थी गिर गई है।