अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि के अंतिम दिन चौहटा की जातर में पहुंचे बड़ा देव कमरूनाग

सात दिनों तक टारना माता मंदिर में विराजमान होने के बाद दो घंटे सेरी चानणी में दिए भक्तों को दर्शन

उज्जवल हिमाचल। मंडी

मंडी जनपद के बड़ादेव कमरूनाग अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के अंतिम दिन टारना मंदिर से अपना आसन छोड़ कर देवी- देवताओं को विदा करने के लिए चौहटा की जातर में आए। इस दौरान उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने बड़ादेव कमरूनाग का विधिवत पूजन किया। बड़ादेव कमरूनाग ने माधोराय और बाबा भूतनाथ के मंदिर में हाजिरी भरी। बड़ादेव ने कुछ देर के लिए सेरी चानणी की पौड़ियों में अपना आसन जमाया तो उनके दर्शनार्थ श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। बड़ादेओ से मिलकर देवता वापस अपने-अपने गांव के गंतव्य की ओर रवाना हो गए।

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इससे पूर्व देव कमरूनाग शनिवार सुबह से सेरी चानणी पौड़ियों पर विराजमान हुए और इसके उपरांत लगभग 2 घंटे विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने के लिए देव कमरूनाग कमरू घाटी से मंडी पहुंचते हैं। देव कमरुनाग के मंडी पहुंचने पर ही शिवरात्रि महोत्सव को लेकर देव कारज आरंभ होते हैं और राज माधोराय के मंदिर में हाजरी भरने के बाद 7 दिन टारना माता मंदिर में ही विराजते हैं। इस दौरान देव कमरूनाग अपने भक्तों को टारना माता मंदिर में ही दर्शन देते हैं। बड़ादेव कमरूनाग की विदाई के बाद ही जनपद के सभी देवी-देवता अपने मूल स्थान के लिए रवाना होते हैं।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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