अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में टूटी हुई परंपरा को किया गया पुनर्जीवित

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में टूटी हुई परंपरा को किया गया पुनर्जीवित

उज्जवल हिमाचल। मंडी
अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दौरान पहली बार बाबा भूतनाथ की जलेब गुरुवार को संतो के माध्यम से निकाली गई। ब्यास नदी के तट पर संतो ने पिछले 3 दिनों से डेरा डाल रखा था।

नागा साधू और कई महान संत देश के कोने-कोने से छोटी काशी मंडी के अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में पधारे और नागा साधु और विभिन्न अखाड़ों से आए साधु संतो के नेतृत्व में भगवा ध्वज लिए ऐतिहासिक जलेब का आयोजन किया गया।

बम भोले हर हर महादेव जय बाबा भूतनाथ के नारों से पूरा मंडी शहर गुंजायमान हो गया। जलेब का शुभ आरंभ ब्यास के तट से हुआ। उसके उपरांत जलेब विक्टोरिया पुल से होती हुई, समखेतर पहुंची और लोगों ने जगह-जगह साधु संतों पर फूल बरसाए।

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इस मौके पर विभिन्न अखाड़ों से आए साधु संतों सहित नागा साधुओं ने हैरतअंगेज करतब दिखाकर हैरान कर दिया और महाजन बाजार, मोती बाजार और चौहट्टा बाजार होते हुए गांधी चौक पहुंची। जहां से वापिस होते हुए बाबा भूतनाथ मंदिर में भव्य जलेब का विधिवत समापन हुआ।

इस जलेब में देश भर से आए 51 साधु संतों व नागा साधुओं ने शिरकत की। इस मौके पर बाबा भूतनाथ मठ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने कहा कि सदियों से बाबा भूतनाथ की जलेब अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में निकलती आ रही है लेकिन इस बार केवल प्रारूप बदला है और टूटी हुई परंपरा को पुनर्जीवित किया है। इसमें मंडीवासियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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