खेताें में गंदम और बाजरे कि बिजाई करने में जुटे बच्चे

शैलेश शर्मा। चंबा

आज के दौर में काेराेना जिस तरह तेजी से फेल रहा है, उससे हर कोई सेहम सा गया है। यह महामारी बच्चों में न फैले सरकार ने सभी शिक्षा संस्थानों को बंद कर दिया है। आजकल पहाड़ों में ग्रामीण लोग अपने खेतों में गंदम और बाजरे कि बिजाई करने में जुटे पड़े हुए हैं। ऐसे में इन किसानों के बच्चे जो कि स्कूलों में ठीक से लिख तक नहीं सकते हैं, वह बच्चे अपने माता-पिता का हाथ बंटवाते हुए अपने खेतों में बैलों के साथ हल जुताई करते हुए देखे जा सकते हैं। ऐसा मंजर देखकर लोग हैरान है।

खेतों में जुताई कर रहा यह स्कूली छात्र जो कि ठीक से कापी किताब और पेंसिल को नहीं पकड़ पाता है। वहीं, छात्र स्कूल का सारा काम करने के बाद अपने माता-पिता का खेतों में हाथ बंटवाने चला आया है और हल को अपने हाथों में लेकर बैलों के साथ अपने खेतों की जुताई करने में जुट गया है। इस छोटे मासूम बच्चे का कहना है कि अभी लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद पड़े हुए हैं। हम अपने स्कूल का सारा काम खत्म करने के बाद अपने माता-पिता का हाथ बंटवाने खेतों में आ जाते हैं और खेतों की जुताई कर रहे हैं।

वहीं, इनके पिता का कहना है कि वैश्विक महामारी के चलते शहरों में जाना कम हो रहा है। इसलिए किसान अपने खेतों के गंदम और बाजरे की खेती करने में व्यस्त है। उन्होंने बताया कि स्कूली बच्चे आजकल स्कूल बंद होने पर अपने घरों में है। इनका कहना है कि बच्चे पढ़-लिखकर चाहे जितने भी बड़े क्यों न बन जाए, पर बच्चों को अपने घर के कामों में माता-पिता का हाथ बटवाना चाहिए, ताकि यही आदत उनके आने वाले भविष्य में कारगर हो।