सीटू ने मोदी सरकार पर श्रम कानूनों को पूंजीपतियों के पक्ष में बदलने का लगाया आरोप

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

 

सीटू ने मोदी सरकार पर श्रम कानूनों को पूंजीपतियों के पक्ष में बदलने का आरोप लगाया है। मोदी सरकार माइग्रेंट लेबर एक्ट 1979 जिसमें बाहर से आये मजदूरों के हितों से जुड़े कई प्रावधान होते हैं व अन्य श्रम कानूनों को पूंजीपतियों के पक्ष में बदल रहे हैं। सीटू ने मनरेगा में 200 दिन का रोजगार व 600 रुपये दिहाड़ी की भी मांग कर रही है।

  • मजदूरों को दिया जाए 200 दिन का रोजगार 600 रुपये मजदूरी कि की मांग

सीटू जिला सचिव बाबू राम ने बताया कि आज आज देश व प्रदेश के अंदर जिला व ब्लॉक स्तर पर सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में मोदी सरकार आयी है तभी से लेबर कोर्ट में श्रम कानूनों को पूंजीपतियों के पक्ष में बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि 1996 के बीओसी  डब्ल्यू एक्ट व 1979 के माइग्रेंट लेबर एक्ट जो कि मजदूरों के हितों से जुड़े हुए हैं जिनमे मजदूरों के छुटियों, काम करने के समय व उनके परिवार की सुरक्षा सम्बन्धी विभिन्न प्रावधान समाहित हैं उनको पूंजीपतियों के पक्ष में बदला जा रहा है। जिसके खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। उन्होंने सरकार से मजदूरों को 200 दिन का रोजगार व 600 रुपये दिहाड़ी देने की मांग की है।