उज्जवल हिमाचल डेस्क…
लंबे अरसे से रूस और यूक्रेन के बीच जारी गतिरोध अब कम होता नजर आ रहा है। रूस ने यूक्रेन सीएम से सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। ऐसे में दोनों देश एक महाजंग से बच गए हैं। रूस एक तरह से यूक्रेन सीमा से सैनिकों की वापसी की घोषणा कर दी है। इसके अलावा क्रीमिया से भी सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है। ऐसे में कहा जा सकता है कि युद्ध के बादल छंटने लगे हैं। रूस का कहना है कि उसने सेना की कुछ टुकड़ियों को यूक्रेन की सीमा से वापस बुला लिया है। हालांकि इसके बाद भी वह बिना कोई गोली चलाए यूक्रेन को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर रहा है।
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय और कई बैंकों की वेबसाइट्स ठप हो गई हैं। यूक्रेन का मानना है कि इसके पीछे रूस का ही हाथ है। इसकी वजह यह है कि 2014 में भी उसने ऐसा ही किया था। यूक्रेन के कई लोगों का कहना है कि रूस की ओर से उस पर बिना गोली चलाए ही अटैक शुरू हो चुका है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि एक तरफ रूस ने तीन तरफ से सैनिकों को तैनात कर रखा है, तो वहीं दूसरी ओर उसे अस्थिर करने की कोशिश में जुटा है।
साइबर अटैक, आर्थिक उथल-पुथल और बम हमलों के फर्जी धमकियों के जरिए रूस की ओर से यूक्रेन को अस्थिर करने की कोशिशें की जा रही हैं। रूस की सेनाओं और उसके सहयोगियों ने पहले ही यूक्रेन पर पकड़ मजबूत कर रखी है। यूक्रेन के लोगों का कहना है कि रूस ने हाइब्रिड वारफेयर छेड़ रखा हैए ताकि बिना लड़े ही कमजोर किया जा सके। यही नहीं अमरीका और ब्रिटेन का तो यह भी कहना है कि रूस तख्तापलट की भी कोशिश कर रहा है ताकि अपनी मुखौटा सरकार बना सके।