पौंग झील किनारे प्रतिबंधित होने के बावजूद हो रही धड़ल्ले से बीजाई

Despite being banned on the banks of Pong lake, sowing is being done indiscriminately
पौंग झील किनारे उड़ाई जा रही प्रशासन की धज्जियां
उज्जवल हिमाचल। जवाली

पौंग बांध किनारे वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर ट्रैक्टरों के माध्यम से बीजाई का कार्य शुरू हो गया है तथा ट्रैक्टरों के माध्यम से प्रतिबंध के बावजूद साधन संपन्न लोगों द्वारा बीजाई की जा रही है। पौंग झील किनारे बीजाई के लिए ट्रैक्टर धड़ल्ले से पहुंचने शुरू हो गए हैं। जिन पर वन्य प्राणी विभाग द्वारा कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। हालांकि वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर हल चलाना प्रतिबंधित है, लेकिन हर साल साधन संपन्न लोग पौंग झील किनारे बीजाई करते हैं तथा काफी ज्यादा फसल तैयार करते हैं।

विभागीय अधिकारी/कर्मचारी भी इन ट्रैक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है। हर साल विभागीय अधिकारी अपने उच्चाधिकारियों को यही जबाब देते हैं कि पौंग झील किनारे कहीं भी खेती नहीं की जाती है, लेकिन हकीकत में सरेआम खेती की जाती है। वन्य प्राणी विभाग के कर्मियों को पौंग झील किनारे बीजाई करने वालों पर नजर रखने के लिए ड्रोन दिए गए हैं, लेकिन फिर भी विभाग की नजरों में धूल झोंक कर खेती की जा रही है।

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पौंग झील किनारे की गई खेती में डाले जाने वाले कीटनाशक झील में पलने वाली मछलियों के लिए खतरनाक होते हैं। पर्यावरण प्रेमी मिलखी राम शर्मा, कुलबन्त सिंह, उजागर सिंह इत्यादि ने कहा कि वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर खेती हो रही है। जबकि विभाग के उच्चाधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पौंग झील किनारे जब खेती करना प्रतिबंधित है तो फिर खेती कैसे हो रही है। विभाग का स्टाफ कहां सोया हुआ है।

उन्होंने कहा कि पहले बीजाई कर ली जाती है, बाद में कंबाइन लगाकर कटाई कर ली जाती है और अवशेष को आग लगाकर जला दिया जाता है परन्तु विभाग कुंभकर्णी नींद सोया रहता है। उन्होंने कहा कि खेती करने वाले लोग झील में आने वाले रास्तों को बन्द कर देते हैं जिस कारण बेसहारा पशु किसानों की मकलियती जमीनों में बीजी गई फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।

पर्यावरण प्रेमी मिलखी राम शर्मा, कुलबन्त सिंह, उजागर सिंह इत्यादि ने कहा कि यह खेती विदेशों से आने वाले प्रवासी पक्षियों के लिए जी का जंजाल बन जाती है क्योंकि लोग खेतों में दवाई डालकर या जाल इत्यादि लगाकर इन प्रवासी पक्षियों का शिकार कर लेते हैं। उन्होंने वन्य प्राणी विभाग के कर्मियों पर आरोप लगाया कि यह ट्रैक्टरों को पकड़ कर उन्हें साथ ही साथ छोड़ भी दिया जाता है। उन्होंने वन्य प्राणी विभाग से मांग की है कि पौंग झील किनारे हो रही बीजाई को बंद करवाया जाए तथा अपनी हदबंदी तक तारबंदी की जाए ताकि उसमें कोई भी ट्रैक्टर न घुस पाए।

क्या बोले वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन

इस बारे में वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि पौंग झील किनारे वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर खेती करना प्रतिबंधित है तथा किसी को भी खेती नहीं करने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर खेती हुई और किसी कर्मी की मिलीभगत उसमें संलिप्त हुई तो उस कर्मी के खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खेती करने वाले ट्रेक्टरों को जब्त किया जाएगा तथा चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

संवाददाता : चैन गुलेरिया

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