कांगड़ा: अटल बिहारी वाजपेई राजकीय महाविद्यालय तकीपुर में रेड रिबन क्लब द्वारा नारकोटिक्स एक्ट 1985 के प्रावधान के विषय के ऊपर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें महाविद्यालय के सभी विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉक्टर नीरज शर्मा व कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉक्टर कपिल शर्मा सहायक निदेशक एनडीपीएस हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया।
डॉक्टर कपिल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा की ड्रग्स का सेवन एक ज्वलंत समस्या है। नशे से जहां परिवार विघटित होता है, वहीं समाज संक्रमित होता है। जिससे राष्ट्र कमजोर होता है। यह एक सामाजिक समस्या ही नहीं अपितु एक चिकित्सीय एवं मनोवैज्ञानिक समस्या भी है।
डॉ. कपिल शर्मा ने कहा नारकोटिक्स एक्ट 1985 जिसे आम तौर पर एनडीपीएस अधिनियम के रूप में जाना जाता है। भारत के संसद का एक अधिनियम है। जो किसी व्यक्ति को उत्पादन, निर्माण, खेती, कब्जा, बिक्री, खरीद, परिवहन, भंडारण को प्रतिबंधित करता है।
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उन्होंने कहा एनडीपीएस के तहत ड्रग्स लेना या बेचना कानूनन अपराध है। एनडीपीएस एक्ट की धारा 42 के तहत अधिकारी को बगैर किसी वारंट या अधिकार पत्र के तलाशी लेने, मादक पदार्थ जब्त करने और गिरफ्तार करने का भी अधिकार है।
उन्होंने एनडीपीएस एक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि नशीले पदार्थ का सेवन करने, इसे बनाने, खरीद फरोकत करने के खिलाफ देश में जो कानून है उसे नारकोटिक्स एक्ट कहते हैं। इसके तहत नशीले पदार्थ आते हैं। नारकोटिक्स ड्रग्स से मतलब है नींद लाने वाली ड्रग्स जो नेचुरल होती है। जैसे चरस, गांजा, कुकिन, मार्फिन ,अफीम इत्यादि।
साइको ट्रॉपिक यानी दिमाग पर असर डालने वाली ड्रग्स जिसको अलग-अलग कैमिकल डाल कर बनाया जाता है। डॉक्टर कपिल शर्मा ने कहा की एनसीवी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, नशीले पदार्थों से जुड़े मामलों में कार्यवाही करने वाली सबसे बड़ी जांच एजेंसी है।
जो नशीले पदार्थ का मामला होने पर देश में कहीं भी जांच कर सकती है। इसकी स्थापना एनडीपीएस एक्ट पारित होने के अगले दिन 17 मार्च 1986 को हुई थी। उन्होंने एनडीपीएस एक्ट के तहत आने वाली सजा के प्रावधान के विषय पर भी बताया।
डॉक्टर कपिल शर्मा ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए नशे की आदत से दूर रहने के लिए कहा। इस अवसर पर रेड रिबन क्लब के नोडल अधिकारी प्रोफेसर अमन वालिया द्वारा मंच संचालन किया गया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य वक्ता को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक वर्ग से प्रोफेसर अमरीश घई, डॉ. भगवान दास, प्रोफेसर पवन धीमान, प्रोफेसर संजीव पुरी, डॉक्टर अश्वनी शर्मा, प्रोफेसर लेखराज, डॉक्टर सुनील, प्रोफेसर सतपाल, श्रीमती सविता देवी उपस्थित रहें।