90 वर्ष की आयु में भी आजीविका कमा रहे कांशी राम

60 वर्षों से जोगिंद्रनगर में कर रहे हैं ड्राई क्लीन का काम, लोगों की वे अभी भी पहली पसंद

Even at the age of 90, Kanshi Ram is earning a living
90 वर्ष की आयु में भी आजीविका कमा रहे कांशी राम

जोगिंद्रनगरः जहां आमूमन एक व्यक्ति सरकारी दस्तावेजों के तहत 58 या 60 वर्ष की आयु पूर्ण होते ही सेवा से मुक्त हो जाता है। ऐसे में यूं कह लें कि 60 वर्ष की आयु के बाद व्यक्ति किसी भी प्रकार की आजीविका कमाने के कार्य से मुक्त हो जाता है, तथा सरकार वरिष्ठ नागरिक का दर्जा प्रदान कर सामाजिक सुरक्षा पेंशन सहित कई तरह के अन्य लाभ उपलब्ध करवाती है। लेकिन बावजूद इसके आज भी हमारे समाज में ऐसे कई लोग मिल जाएंगे जो लंबी उम्र बीतने पर भी न केवल कार्य करना पसंद करते हैं बल्कि आजीविका कमाकर लाखों लोगों विशेषकर हमारी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का भी कार्य कर रहे हैं।

ऐसे ही एक शख्स हैं जोगिंद्रनगर निवासी लगभग 90 वर्षीय कांशी रामए जो इस उम्र में भी न केवल अपनी आजीविका स्वयं कमा रहे हैं बल्कि लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का भी काम कर रहे हैं। जोगिंद्रनगर में पिछले लगभग 60 वर्षों से ड्राई क्लीन का काम करने वाले कांशी राम से बातचीत की तो उनका कहना है कि 1930 के दशक में उनका जन्म हमीरपुर जिला के टौणी देवी में हुआ है। माता पिता की 10 संतानों जिनमें चार भाई व 6 बहनें शामिल हैं में से एक हैं।

उनका कहना है कि मात्र आठ वर्ष की छोटी सी आयु में वे अपने संबंधी के साथ शिमला पहुंच गए तथा लोअर बाजार में एक ड्राई क्लीन की दुकान में काम शुरू कर दिया। तीन वर्ष तक इस कार्य को करने के बाद वे 2 वर्ष के लिए नंगल पंजाब पहुंच गए। इस बीच आजीविका कमाने के लिए वे कुछ समय के लिए अमृतसर भी गए तथा एक फौजी अफसर के घर में काम करने लगे। इस बीच वर्ष 1947 को मात्र 15 वर्ष की आयु में उनकी शादी तय हुई तथा वे वापिस घर पहुंच गए। इस बीच भारत.पाकिस्तान का बंटवारा हो गया तथा देश में भारी उथल.पुथल देखी।

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कई परिवारों को उजड़ते हुए देखा तो कईयों ने अपना जीवन तक गंवा दिया। उनका कहना है कि 1947 का बंटवारा बेहद खौफजदा पैदा करने वाला मंजर था। पूरी तरह औपचारिक शिक्षा से अछूते लेकिन सामाजिक विषयों की खूब समझ रखने वाले कांशी राम बतियाते हैं कि आजीविका की तलाश में वे शादी के बाद जोगिंद्रनगर पहुंचे तथा ड्राई क्लीन का कार्य शुरू कर दिया। वे कहते हैं कि तब से लेकर वे निरंतर कपड़ों की ड्राई क्लीन का काम कर रहे हैं तथा परिवार की आजीविका को चलाते आ रहे हैं।

हंसमुख व बेहद खुशमिजाज व्यक्तित्व के धनी कांशी राम कहते हैं कि उनके सात बच्चे हैं जिनमें 6 बेटियां व एक बेटा है। बेटियों को थोड़ा बहुत पढ़ा लिखाकर उनकी शादियां कर दी जबकि बेटे को नागपुर महाराष्ट्र से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाई है। बेटा आजकल जलशक्ति विभाग में सहायक अभियन्ता के पद पर कार्यरत है। उनका कहना है कि उम्र के इस पड़ाव में भी वे निरंतर ड्राई क्लीन के कार्य में व्यस्त रहते हैं। पहले उनके साथ कई दूसरे लोग भी काम करते थे। लेकिन उम्र के पड़ाव में उनके इस कार्य में अब उनकी धर्मपत्नी मन्सा देवी ही उनका हाथ बंटाती है।

बच्चे उन्हे अब यह कार्य छोड़ने की सलाह देते हैं। लेकिन काम के प्रति जुनून इतना कि वे प्रतिदिन ड्राई क्लीन के इस कार्य से उन्हे निरंतर जुड़े रहना बेहद पसंद है बल्कि आत्म संतुष्टि की अनुभूति भी होती है। साथ ही कहते हैं कि उनके ड्राई क्लीन कार्य के प्रति क्षेत्र के लोगों का विश्वास व प्यार आज भी बरकरार है जो उनकी एक पूंजी भी है। कांशी राम का कहना है कि इस लंबे वक्त में उन्होने जोगिंद्रनगर शहर व आसपास के क्षेत्रों में अनेक बदलावों को होते देखा है।

उनका कहना है कि आजादी के बाद जोगिंद्रनगर शहर में मात्र दस या बारह दुकानें हुआ करती थी। लेकिन आज यह आंकड़ा 500 को भी पार कर गया है। साधन व सुविधाओं के अभाव में जीवन निर्वहन कठिन होता था। लेकिन आज के दौर में न केवल मूलभूत सुविधाएं बेहतर हुई हैं। बल्कि आवागमन भी सुगम व सुलभ तथा आर्थिकी भी सुदृढ़ हुई है। बेहतरीन सेवाओं के लिए 15 अगस्त को जोगिंद्रनगर प्रशासन ने किया सम्मानित जीवन के इस पड़ाव में भी कार्य कर लोगों के लिए प्रेरणा का काम करने वाले कांशी राम को 15 अगस्तए 2022 को जोगिंद्रनगर प्रशासन ने शॉल, टोपी व प्रशस्ति पत्र भेंट कर उन्हें न केवल सम्मानित किया बल्कि काम के प्रति उनके इस जज्बे को सलाम भी किया है।

संवाददाताः जतिन लटावा।

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