हिमाचल सरकार हवाई सर्वे छोड़े, राजनीति रोटियां सेकने की बजाय लोगों के पुनर्वास पर ध्यान दे – विपन परमार

ज्वाली के समाजसेवी भाजपा नेता संजय गुलेरिया ने दो लंगरों में पीड़ित लोगों की सहायता के लिए दिए 10-10 हजार रुपए

लंगर में खाना खाते हुए पीड़ित लोगों का चित्र

उज्ज्वल हिमाचल। ज्वाली

हिमाचल प्रदेश में एक तरफ कुदरत का कहर बरस रहा है और दूसरी तरफ सत्तासीन कांग्रेस पार्टी के नेता हवाई सर्वे करने में व्यस्त है। जैसे ही दैनिक सवेरा टाइम्स की टीम ने जिला कांगड़ा की विधानसभा ज्वाली की आपदा ग्रस्त पंचायतों का दौरा किया तो धरातल पर देखा कि सत्तासीन कांग्रेस सरकार को लोगों के दुख पीड़ा का कोई भी एहसास नहीं है। पीड़ित लोगों की आंखों से टपकते आंसू और उनकी जमीन, फसल, पशु और घरों की हुई तबाही देखी नहीं जा रही थी। लोगों की जिंदगी भर की कमाई चंद मिनटों में धराशाई हो गई ।

कुछ लोगों का घर का सारा सामान जमींदोज हो गया और कुछ लोगों ने समय रहते घर के जमींदोज होने से पहले सामान को निकाल लिया गया। अभी तक पंचायत के प्रतिनिधियों, इलाके के समाजसेवियों, मणि महेश लंगर सेवादल और एसडीएम ज्वाली महेंद्र प्रताप सिंह के सहयोग से इन पीड़ित लोगों के ठहराव व खानपान की व्यवस्था की जा रही है। केवल ज्वाली के भाजपा नेता संजय गुलेरिया जो समाजसेवा के नाम से जाने जाते है पीड़ित लोगों के दो लंगरों में 10- 10 हजार रूपये की सहायता की ।

न्यांगल पंचायत के पीड़ित लोगों का कहना है कि हिमाचल सरकार की तरफ से अभी तक कुछ लोगों को पांच हजार, दस हजार और लगभग बारह लोगों को एक एक लाख रूपये दिए गए और कुछेक लोगों को कुछ भी नही दिया गया उनके आंसू केवल आश्वासन देकर पोंछे गए। जिनको कुछ मिला उन पीड़ित लोगों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा डालने वाली बात हुई है और एक भद्दा मजाक किया गया । वही पंचायत रजोल में भी दो तीन दो मंजिले मकान जमींदोज हो गए जिनमें से एक का सारा सामान जमीन में समा गया और बाकी गिरने की कगार पर हैं।

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इस पंचायत के पीड़ितों में जर्म चंद शर्मा, बसंत कुमार, अशोक कुमार को एक एक लाख रूपये दिए गए जबकि मोती राम, मचला राम, प्रशोतम, रोशन, उत्तम राम को कुछ भी नही दिया । सरकार की तरफ से इस आपदा की घड़ी में की गई बंदर बांट काफी चर्चा का विषय बनी हुई है । इस सरकार को चाहिए था की ऐसी हालत में तुरंत सुरक्षित जगह पर इन पीड़ित लोगों को बसाना चाहिए। लेकिन ऐसा न करते हुए राजनीति रोटियां सेकी जा रही है । क्योंकि दुर्भाग्य से 2024 का महासंग्राम लोक सभा चुनाव भी आ रहा है।

बता दें कि केंद्र सरकार से हिमाचल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए अबतक 862 करोड़ रूपये भेजे गए हैं और बाकी बजट का प्रावधान भी किया जा रहा है । हिमाचल सरकार को लोगों की भलाई को देखते हुए उनके पुनर्वास की ओर ध्यान देना चाहिए न कि छींटाकसी पर जिला कांगड़ा के पूर्व भाजपा प्रदेशअध्यक्ष विपन परमार, महामंत्री त्रिलोक कपूर, ज्वाली भाजपा नेता संजय गुलेरिया,पूर्व मंत्री राकेश पठानिया , नूरपुर विधायक रणवीर सिंह निक्का ने हिमाचल सरकार से पीड़ित लोगों के लिए सुरक्षित पुनर्वास, खेतीबाड़ी करने के लिए जमीन का प्रावधान, हर पीड़ित व्यक्ति को 15-20 लाख रूपये देने का और जिन लोगों ने घर बनाने के लिए लोन लिया था उनका लोन माफ करने की मांग उठाई है ।

भाजपा के पैराशूटी नेता फोटो खिंचवाने में हीरो ,धरातल पर पकड़ जीरो

वही दूसरी तरफ भाजपा के कुछ पैराशूटी नेता जोकि इन पीड़ित पंचायतों से संबंध रखते है उनका भी धरातल पर पीड़ित लोगों के प्रति जीरो योगदान रहा है केवल कांगड़ा के आला नेताओं के इर्दगिर्द फोटो खिंचवाने के चक्कर काट कर लोगों को प्रभावित करने लिए अपने नंबर बना रहे है । इनमें से कुछ लोक सभा की टिकट की लालसा लगाए हुए है लेकिन सच्चाई यह है कि यह पैराशूटी कभी पंचायत में वार्ड मेंबर का चुनाव भी नही जीत सकते ।

इतना ही नहीं जिला कांगड़ा के आला नेताओं के लिए कांगड़ा चंबा लोक सभा सदस्य किशन कपूर जोकि पूरे भारत में रिकॉर्डतोड़ बढ़त के साथ जीते थे परेशानी पैदा कर रहे है क्योंकि कांगड़ा चंबा लोक सभा सदस्य किशन कपूर ने पंचायत न्यांगल को गोद लिया था और जितने के बाद कांडा चंबा को छोड़ो बल्कि अपनी गोद ली हुई पंचायत की भी इस आपदा की घड़ी में सुध नहीं ली और न ही फोन पर लोगों का हालचाल पूछा । भले ही केंद्र सरकार से हिमाचल में हुई तबाही की भरपाई के लिए करोड़ों रुपए भेजे जा रहे है लेकिन लोक सभा सदस्य किशन कपूर के निकम्मेपन के कारण कांगड़ा के आला नेताओं को जनता की खरी खोटी का सामना करना पड़ रहा है ।

संवाददाताः चैन सिंह गुलेरिया

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