हिमाचलः आखिरकार कब तक चक्की पुल बरसाती जल बहाव से होता रहेगा बर्बादः सुदर्शन शर्मा

हिमाचलः आखिरकार कब तक चक्की पुल बरसाती जल बहाव से होता रहेगा बर्बादः सुदर्शन शर्मा

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर
आखिरकार कब तक दो राज्यों को जोड़ने वाला चक्की पुल जो कि पंजाब-हिमाचल सीमा को जोड़ता है ,बरसाती जल के बहाव से बर्बाद होता रहेगा? यह एक चिंता का विषय है किसी भी प्रकार की तकनीक इस ज्वलंत समस्या का समाधान करने में असमर्थ है जबकि पिछले पाँच वर्ष से निरंतर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा मात्र ख़ानापूर्ति का निरीक्षण कर महत्वपूर्ण तकनीकी टीमों द्वारा भी निरीक्षण करवाया लेकिन किसी भी फ्रूटफुल प्रकार के परिणाम नहीं निकल सके।

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यहां तक कि आईआईटी रुड़की की टीम द्वारा भी इस बहुचर्चित चक्की पुल की समस्या का समाधान हेतु निरीक्षण किया। एक चाइनावाल जिसको प्रोटेक्शन बॅाल का नाम देकर करोड़ों की लागत से निर्माण का कार्य आरंभ कर दिया क्योंकि इस चक्की पुल के दो पिलर क्षतिग्रस्त होने के कारण नदी का जलबहाव का रुख़ मोड़ने के उद्देश्य से इस बहुत बड़ी परियोजना का निर्माण कार्य आरंभ कर दिया लेकिन किसी समय इस पुल की कुल निर्माण क़ीमत इस प्रोटेक्शन बॅाल की होने जा रही लागत से भी कम थी जो कि तकनीकी दृष्टि से संदेह के घेरे में लगता है।

यह जानकारी नूरपुर में प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता सुदर्शन शर्मा ने भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से जनहित में निवेदन किया है कि इस मामले में जनता की आवाज पर गौर किया जाए तथा इस मामले की जांच केन्द्रीय एजेंसी से करवाई जाये कि समय के मुताबिक इस पुल का निर्माण क्यों नहीं हो सका।

संवाददाताः विनय महाजन

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