हिमाचलः बारिश के बीच ग्रामीणों ने स्वयं टीन का शैड बना किया अंतिम संस्कार

उज्जवल हिमाचल। मंडी

विकास करने के बड़े-बड़े दावे उस समय हवा हवाई हो जाते हैं जब लोगों को धरातल पर मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पाती हैं। सदर विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ने वाले मराथु पंचायत के लोग आज भी श्मशान घाट की व्यवस्था से महरूम है। पंचायत के तहत पड़ने वाले नालुआ गांव के लोगों के लिए ना तो सदर विधायक और ना ही स्थानीय पंचायत आज दिन तक श्मशान घाट बना पाई। आलम यह है कि बुधवार को जब क्षेत्र में झमाझम बारिश हुई तो ग्रामीणों को स्वयं ही टीन का शैड बनाकर भरी बरसात में शव का दाह संस्कार करना पड़ा।

जिस कारण मौके मौजूद लोगों में पंचायत व सदर विधायक अनिल शर्मा के खिलाफ रोष भी देखने को मिला। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके द्वारा लंबे समय से पंचायत व सदर विधायक से यहां पर श्मशान घाट की मांग की जा रही है। लेकिन आज दिन तक पंचायत व स्थानीय विधायक के द्वारा ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जब बुधवार उनके गांव में किसी की मृत्यु हुई तो उन्हें भारी बारिश के बीच ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार के लिए स्वयं मिलकर पहले टीन का सैड तैयार किया, उसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया।

ग्रामीणों का कहना है कि जो लोग व रिश्तेदार अंतिम संस्कार में शामिल होने आए थे उनके लिए भी यहां पर रेन शेल्टर की कोई व्यवस्था नहीं है। पूरे अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें भी भारी बारिश के बीच खड़े होना पड़ा। ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक को पंचायत से उनके गांव में श्मशान घाट बनाने की गुहार लगाई है।

वहीं जब इस बारे में मराथू पंचायत के प्रधान हाकम चंद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर यह ग्रामीण श्मशान घाट की मांग कर रहे हैं, वहां से 200 मीटर दूर पंचायत ने दो श्मशान घाट बनाए हैं। उन्होंने बताया कि मराथू पंचायत के अधिकतर लोग अंतिम संस्कार के लिए इन्हीं श्मशान घाट का इस्तेमाल करते हैं। जबकि नालूआ गांव के 6 परिवार ही अलग से श्मशान घाट की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की यह मांग जायज नहीं है और ना ही पंचायत के पास अलग से श्मशान घाट बनाने के लिए बजट है।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज