मेडिकल कॉलेज टांडा में मरीजों को नहीं मिल रही पर्याप्त दवा, सरकारी मुफ्त योजना की निकली हवा

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा (टांडा)

भले ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से आदेश जारी कि गए हैं कि सरकारी अस्पतालों से ही मरीजों को दवाइयां मुफ्त मुहैया करवाई जाएंगी। उन्हें बाहर से दवाइयां खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। लेकिन, डॉ राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवम अस्पताल टांडा में दवाइयां पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही हैं। अस्पताल में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत मरीजों को सभी दवाइयां उपलब्ध नहीं हो रही हैं। कहने को इस योजना को इसलिए शुरू किया गया था कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को फायदा हो, लेकिन अभी भी मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर से ही ज्यादातर दवाइयां खरीदनी पड़ रही है।

टांडा अस्पताल  के डॉक्टर जो दवाइयां पर्ची पर लिखते हैं, उनमें से ज्यादातर नि:शुल्क दवा काउंटरों पर नहीं मिलती। मरीजों से बात करने पर पता चला कि डॉक्टर पर्ची पर सात आठ दवाइयों के नाम लिख देते हैं। उनमें से दो-चार दवाइयां ही निशुल्क दवा काउंटर पर मिलती है। बाकी उन्हें बाहर निजी मेडिकल स्टोर से ही खरीदनी पड़ रही है। बाहर से खरीदी गई दवाइयां बहुत महंगी होने से आमजन के बजट पर प्रभाव डालती है।

बच्चों का आयरन सिरप और जुखाम का सिरप भी नहीं उपलब्ध….

अगर, हम बात करें बच्चों की तो 1 वर्ष तक तो बच्चे को फ्री दवाइयां उपलब्ध हो जाती हैं, लेकिन जब 1 वर्ष से ऊपर बच्चा होता है तो उसे टांडा अस्पताल के सरकारी दवाइयों की दुकान में दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। जिसमें की बच्चों के जुकाम के सिरप, आयरन सिरप पर्याप्त मात्रा में नहीं है और साथ ही मिर्गी के पेशेंट की दवाइयां तो उपलब्ध ही नहीं है। करीब दो सप्ताह से बच्चों से संबंधित ज्यादातर दवाएं खत्म हो चुकी हैं। बच्चों के बुखार के सीरप समेत कई दवाओं के लिए मरीज परेशान हैं। हद तो यह है कि जिले में इस समय वायरल फीवर का प्रकोप चल रहा है। और अस्पताल में दवाएं उपलब्ध ही नहीं हैं। नतीजा यह है कि मरीजों व उनके ती्ररदारों को अस्पताल के बाहर से महंगी दवाएं लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। आयुर्विज्ञान संस्थान में भी मरीजों को दवाई ना मिलने के कारण बाहर बाजार में दुकानों पर जाकर दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं।

कुछ दवाइयां तो अस्पताल में मिल रही हैं, जबकि बहुत सी दवाइयां खरीदने के लिए उन्हें बाजार में दुकानों पर जाना पड़ रहा है। इससे साफ है कि सरकारी मुफ्त दवा योजना की हवा निकल चुकी है। इस चक्कर में कुछ लोगों का तो बजट तक बिगड़ रहा है। इसके चलते बच्चों की दवाइयों के लिए प्राइवेट दवाइयों की दुकानों का मरीजों को रूख करना पड़ रहा है। सरकारी दवा काउंटर पर मरीजों को लंबी लाइन के बाद डॉक्टरों की लिखी आधी दवाइयां ही ही मिल रही हैं।

सस्ते इलाज की उम्मीद लगाकर टांड़ा अस्पताल आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को ज्यादातर मायूसी ही हाथ लग रही है। इन दिनों जिला अस्पताल में कई दवाईयां नहीं है। बीते करीब दो सप्ताह से बच्चों का बुखार का सीरप पैरासीटामोल, कैल्शियम समेत कई दवाएं अस्पताल के स्टोर में नहीं है। जिनमें पेट रोग से संबंधित दवाएं भी शामिल हैं। जबकि लगातार बदलते मौसम के बीच टायफइड, मलेरिया व डायरिया जैसे संक्रामक रोग तेजी से फैल रहे हैं। जिससे अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगी रहती है।

अस्पताल के स्टोर में न तो खांसी की दवा है और न मिर्गी की दवाएं हैं। इसके अलावा अन्य कई ऐसी दवाएं हैं, जो बेहद आम है तथा कहीं भी आसानी से मिल जाती हैं, लेकिन वे दवाएं भी अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं। मरीजों की शिकायत है कि उन्हें दवाइयां बाहर के मेडिकल स्टोर से लेनी पड़ रही हैं।

क्या कहते हैं एमएस मोहन सिंह….

दवाइयों की समस्या बारे जब टांडा। डॉ.  एमएस मोहन सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि वैसे तो दवाई की कोई समस्या नही है फिर भी अगर समस्या आ रही है तो इस बारे जानकारी ली जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि अगर आयरन सिरप की बात पड़े तो इसकी सप्लाई सीएमओ ने हमें नहीं दी है आयरन सिरप आशा वर्कर फील्ड में दे रही हैं। उन्होंने कहा कि जुखाम का सिरप आर्डर किया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर डिमांड करते हैं कि जुखाम की यह वाली दवाई लिखें लेकिन जो सरकार द्वारा एंटी कोल्ड दवाई हमारे पास लाखों में पड़ी है वह वैसी की वैसी ही रह जाती है और डॉक्टर बाहर की दवाई दे देते हैं।

क्या कहते हैं चीफ फार्मेसिस्ट मुनीष शर्मा

आयरन की दवाई में जुखाम की दवाई बरे जबक चीफ फार्मेसिस्ट मनीष शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि दवाइयों का आर्डर किया है वह जल्द से जल्द दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि आम जनमानस को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कहा कि हमारे पास एंटी कोल्ड सिरप तो पड़ा है, लेकिन हमारा सिर्फ विद पेरासिटामोल होता है जबकि डॉक्टर कहते हैं कि हमें विदाउट पेरासिटामोल सिर्फ चाहिए। उन्होंने कहा कि ईडीएल में हमारे पास एंटी कोल्ड और सिर्फ यही आता है