पठानकोट-मंडी फोरलेन समन्वय समिति ने मंडी में सरकार के खिलाफ बोला हल्ला

उमेश भारद्वाज। मंडी
फोरलेन समन्वय समिति ने सोमवार को मंडी में धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने के बाद संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में समिति ने मांग की है कि इस परियोजना के तहत नारला से बिजनी तक की जनता की भूमि को अधिग्रहण कर तय मुआवजा राशि नाममात्र की है।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत फेक्टर -2 की जगह फेक्टर -1 सरकार द्वारा देना तय किया गया है जो न्याय संगत नहीं है। फोरलेन समन्वय समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने बताया कि पठानकोट फोरलेन संघर्ष समिति इस परियोजना से प्रदेश सरकार फोरलेन प्रभावितों को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के अनुसार पुनः स्थापना पुनर्वास व चार गुण मुआवजा के नियम को लागू करें तथा 1 अप्रैल 2015 की अधिसूचना को रद्द करें।
उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए ज़मीन व मकानों का मुआवजा बिना डेप्रिसिएशन के वर्तमान दरों पर 12 प्रतिशत ब्याज सहित तथा किराए पर चला रहे दुकानदारों को पुनर्वास मुआवजा दिया जाए। भूमि की निशानदेही सक्षम अधिकारी द्वारा पक्के निशान स्थापित किए जाएं।
वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस परियोजना से प्रभावितों को ज़मीन का उचित मुआवजा नहीं मिला तो सभी क्षेत्र वासियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रभावितों की मांगों का तुंरत निपटारा कर एक सप्ताह के भीतर अवगत करवाया जाए। वहीं अगर इनकी मांगें समय पर पूरी नहीं होती है तो प्रभावित लोग एक बडा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगें।