हिमाचलः मॉक एक्सरसाइजः बाढ़ और मलबे में फंसे लोगों के लिए चलाए रेस्क्यू ऑपरेशन

हिमाचलः मॉक एक्सरसाइजः बाढ़ और मलबे में फंसे लोगों के लिए चलाए रेस्क्यू ऑपरेशन

उज्जवल हिमाचल। हमीरपुर
बाढ़ और भूस्खलन ( floods and landslides) जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव एवं राहत कार्यों को सुनियोजित एवं कारगर ढंग से अंजाम देने के अभ्यास के लिए वीरवार को जिला हमीरपुर में भी 6 स्थानों पर मॉक एक्सरसाइज आयोजित की गई। मॉक एक्सरसाइज के लिए दी गई परिस्थितियों के अनुसार जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के जिला आपातकालीन संचालन केंद्र से सभी संबंधित एसडीएम को जिले में 6 स्थानों में बाढ़ और भूस्खलन में लोगों के फंसने की सूचना दी गई।

मेडिकल कालेज अस्पताल के धरातल में पानी भरने, सीनियर सेकेंडरी स्कूल भरेड़ी में बच्चों के फंसने, टौणी देवी और दियोटसिद्ध में भूस्खलन में कई लोगों के दबे होने, सुजानपुर के निकट पलाही और नादौन के निकट गौना में कई लोगों के बाढ़ में फंसे होने की सूचना मिलते ही पूरी जिले में आईआरएस यानि इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम सक्रिय हो गया।

मॉक एक्सरसाइज के लिए जिला इंसीडेंट कमांडर के रूप में तैनात किए गए एडीसी जितेंद्र सांजटा के निर्देशानुसार सभी संबंधित एसडीएम ने अपने-अपने क्षेत्रों में स्टेजिंग एरिया स्थापित करके बचाव दलों को आवश्यक मशीनरी के साथ घटनास्थलों के लिए रवाना कर दिया।

इस दौरान उपायुक्त एवं डीडीएमए के अध्यक्ष हेमराज बैरवा उपायुक्त कार्यालय परिसर के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष से रेस्क्यू ऑपरेशनों की निगरानी करते रहे तथा पल-पल के घटनाक्रम की जानकारी लेते रहे। दोपहर तक सभी 6 स्थानों पर बचाव एवं राहत कार्यों को पूर्ण कर लिया गया।

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एसडीएम हमीरपुर मनीष कुमार सोनी ने बताया कि हमीरपुर उपमंडल में बचाव कार्यों को सुनियोजित ढंग से अंजाम देने के लिए दोसडक़ा के पुलिस मैदान में स्टेजिंग एरिया बनाया गया तथा यहीं से बचाव दलों को रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि मॉक एक्सरसाइज के लिए निर्धारित परिस्थिति के अनुसार मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फंसे 25 लोगों और टौणी देवी में मलबे में दबे 20 लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।

उधर, उपायुक्त एवं डीडीएमए के अध्यक्ष हेमराज बैरवा ने कहा कि किसी भी तरह की आपदा को सुनियोजित एवं प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जिला स्तर पर डीडीएमए के माध्यम से आईआरएस कार्य करता है, जिसमें सभी विभागों की भागीदारी निर्धारित की गई है।

इस सिस्टम के वास्तविक आकलन और इसमें सुधार के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल्स आयोजित की जाती हैं। इसी कड़ी में वीरवार को प्रदेश भर में मॉक ड्रिल करवाई गई। उन्होंने ड्रिल में भाग लेने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि वे इस दौरान किए गए बचाव एवं राहत कार्यों का स्वयं भी आकलन करें तथा भविष्य में इनमें और सुधार की संभावनाओं की दिशा में कार्य करें।

संवाददाताः विजय ठाकुर

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