हिमाचलः सरकार के खिलाफ सड़को पर भूमि अधिग्रहण के प्रभावित लोग

उज्जवल हिमाचल। मंडी

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशवासियों के विकास के लिए कई परियोजनाएं चलाई जा रही है। और इसके लिए प्रदेश के लोगों की जमीन को सरकार द्वारा अधिग्रहण किया जाता है। अपनी जमीनों का अधिग्रहण करवाने वाले प्रभावित ने अब सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। प्रदेश भर के प्रभावितों ने मंडी में एकजुट ‘‘होकर भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच’’ का गठन करके आंदोलन का ऐलान कर दिया है।

मंडी जिला निवासी बीआर कौंडल को इस मंच का अध्यक्ष चुना गया

बैठक के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत में बीआर कौंडल ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2013 में नया भूमि अधिग्रहण कानून बनाया था, जिसे प्रदेश में आज दिन तक लागू नहीं किया जा सका हैण् इस कानून में पुनर्स्थापना, पुनर्वास और चार गुणा मुआवजे का प्रावधान है। प्रदेश में आज दिन तक न तो किसी की पुनर्स्थापना हुई और न ही पुनर्वास हुआ जबकि चार गुणा के स्थान पर सिर्फ दोगुणा मुआवजा ही दिया जा रहा है। राज्य की भाजपा सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में चार गुणा मुआवजे की बात भी कही थी जोकि आज दिन तक पूरी नहीं हो सकी है।

कौड़ियों के भाव ले रहे जमीन

प्रदेश में लोगों की कीमती जमीनें कौडि़यों के भाव ली जा रही हैं और आगे भी इसी तरह से लेने की मंशा है। सरकार की इस मंशा को अब पूरा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2013 के कानून में जो प्रावधान हैं उन्हें सरकार लागू करे और यदि नहीं करती है तो फिर प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा नवगठित मंच में जोगिन्दर वालिया को संयोजक, नरेश ठाकुर, मदन शर्मा, राजेश पठानिया व परमानन्द शर्मा को सह सयोंजक चुना गया। इस बैठक में कुल्लू से नरेश ठाकुर, शिमला से डा. कुलदीप तंवर, बिलासपुर से मदन शर्मा और कांगड़ा से राजेश पठानिया सहित प्रदेश भर से आए 60 से अधिक प्रभावितों ने भाग लिया।