निचले हल्कों में जोरों शोरों से चल रहा अवैध माइनिंग का काम!

निचले हल्कों में जोरों शोरों से चल रहा अवैध माइनिंग का काम!

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के जिला कांगड़ा के निचले हल्कों में बहने वाली चक्की व व्यास दरिया में सरेआम दिन-रात अवैध माइनिंग का धंधा आज भी जोरों से चल रहा है। परंतु माइनिंग विभाग इसके प्रति सुस्त रवैया अपना रहा है जबकि स्थानीय पुलिस इसके प्रति काफी संवेदनशील नजर आ रही है।

नूरपुर जिला पुलिस के अधीक्षक अशोक रत्न ने अपनी ऱणनीति के तहत अवैध खनन माफियों पर नकेल डालने में काफी सफलता हासिल की है। परंतु आज भी ऐसे इलाकों में जो पंजाब व हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर स्थित है और आज भी रात के अंधेरे में अवैध खनन कर रहे है।

गत देर रात माइनिंग नूरपुर के खनन विभाग के एक गार्ड द्वारा कुछ किलोमीटर चक्की दरिया में पंजाब के क्रेशर वालों द्वारा अवैध माइनिंग चक्की दरिया में की जा रही थी। जिसके चलते पुलिस ने उनका काफी देर तक पीछा करते हुए 2 टिप्परों को कब्जे में लेकर उनसे मौके पर 20 हज़ार रुपए का अवैध माइनिंग के चलते जुर्माना वसूल किया। परंतु मौके पर खनन माफिया द्वारा अंधेरे का लाभ उठाकर जेसीबी को वहां से भगाने में सफल हो गये।

उधर कुछ बुद्धिजीवीयों का कहना है कि नूरपुर खनन विभाग के तहत नूरपुर, इन्दौरा, ज्वाली व फतेहपुर उपमन्डल की दरिया व खड्डे आती है लेकिन खनन विभाग के पास स्टाफ का काफी अभाव होने से ऐसे खनन माफियों पर अकेले अकुंश नही लगा सकता।

हैरानी की बात यह भी है कि पंजाब व हिमाचल के बीच बहने वाली चक्की व व्यास दरिया में अभी तक दोनों राज्यों के राजस्व विभाग के अधिकारी अपनी अपनी सीमाओं का निधारण राजस्व लाइन लगाकर अभी तक न कर सके। खनन माफिया दोनों राज्यों की सरकार की इस कमजोरी का लाभ उठाकर रात के अंधेरे में पंजाब व हिमाचल में बेखौफ खनन करता है।

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मौके पर कार्यवाही करने वाले दोनों राज्यों के अधिकारी इस मामले में ज्यूडिशयक्शन को लेकर चुप हो जाते है। उल्लेखनीय है कि जब नूरपुर में राकेश् प्रजापति एसडीएम के पद पर आसीन थे। उन्होने इस मामले पर पठानकोट प्रशासन के साथ राजस्व विभाग की बैठकें करवाई थी लेकिन उस समय की मौजूदा सरकार ने इस पर अम्लीजामा नहीं पहनाया।

भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने मुख्यमंत्री रहते हुुए हिमाचल प्रदेश के विकसित करने हेतु हिमाचल प्रदेश की नदियों व दरियों में बहने वाले पानी में कच्चे मैटरियल को लेकर एक योजना हिमाचल प्रदेश को आत्म निर्भर बनाने की बनाई थी। उस समय खनन माफिया का नाम नही था।

दुर्भाग्य यह रहा कि केन्द में आसीन उस समय की सरकार ने शांता कुमार की सरकार को समय से पहले गिरा दिया था। हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार ने 15 साल हिमाचल में शासन अवश्य किया लेकिन किसी भी भाजपा के मुख्यमंत्री ने शांता कुमार की इस योजना को धरातल पर नहीं उतारा जिसका परिणाम आज आत्म निर्भर बनाने वाला हिमाचल प्रदेश कर्जे मे डूब गया और खनन माफिया हिमाचल प्रदेश की राजनीती में हावी हो गया।

संवाददाताः विनय महाजन

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