ओलावृष्टि से सेब की फसलों को भारी नुकसान, CPIM नेता ने उठाई मुआवजे की मांग

Heavy damage to apple crops due to hailstorm, CPIM leader raised demand for compensation

उज्जवल हिमाचल। शिमला

प्रदेश में मौसम ने करवट बदली तो बादल बारिश से भरकर गर्मी से राहत (heat recovery) और सुहावने मौसम का पैगाम लेकर आए। वहीं, दूसरी ओर कुछ क्षेत्रों में अंधड़ ओलावृष्टि ने किसानों बागवानों की मुसीबतें बढ़ा दी। बीते दिनों प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मेघ जमकर बरसे। गुजरते अप्रैल के साथ पहाड़ों पर बर्फबारी देखने को मिली। वहीं, शिमला और ऊपरी क्षेत्रों में ओलावृष्टि ने बाग़वानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया।

जिला शिमला के जुब्बल, कोटखाई, रोहड़ू, चौपाल और ठियोग के सेब बहुल इलाकों में ओलावृष्टि ने फसलों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। ओलावृष्टि से बागवानों को हुए नुकसान पर कम्युनिस्ट नेता और ठियोग से पूर्व विधायक राकेश सिंघा खुलकर सामने आए। राकेश सिंघा ने सरकार से फसलों के नुकसान को लेकर बागवानों को मुआवजा देने की मांग की है।

राकेश सिंघा ने कहा कि सेब की फ़सल को करोड़ाें का नुकसान हुआ है। राकेश सिंघा ने कहा कि सेब सबसे नाजुक स्थिति में है लेकिन ओलावृष्टि (hailstorm) के कारण प्रदेश के बहुत से क्षेत्रों में सेब के पौधों में से फूल झड़ गए हैं जो फसल आने का पहला कदम हैं। उन्होंने कहा कि कोटखाई, रोहड़ू, चौपाल, ठियोग मे फसले पुरी तरह से खराब हो गई हैं। उन्होंने बताया की बलसन, नारकंडा मे 3-4 घंटे तक लगातार ओलावृष्टि होती रही।

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राकेश सिंघा ने सरकारों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बाग़वानों को आज तक मुआवजे के नाम पर अठन्नी भी नहीं मिली है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंच से ही व्यवस्था परिवर्तन (regime change) की बात करते आए हैं. ऐसे में राकेश सिंघा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यवस्था बदलने वाली सरकार किसानों की मदद करे, अन्यथा इस सरकार और पूर्व की सरकार में कोई अंतर नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि फसलों के नुकसान का आंकलन करना कठिन है ऐसे में बागवानों को उनकी फसलों के लिए मुआवजा मिलना चाहिए।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

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