रक्कड़: संजय पराशर ने जसवां-परागपुर क्षेत्रवासियों से अपील की है कि उनका साथ इसलिए दें ताकि वह जसवां-परागपुर क्षेत्र का साथ दे सकें। बुधवार को पीरसलूही और कोलापुर में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रमों में पराशर ने कहा कि वह जसवां-परागपुर क्षेत्र के भाग्योदय के लिए चुनाव लड़ने जा रहे हैं और आगामी 21 अक्टूबर काे नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
संजय ने कहा कि मिट्टी के हम सब पर इतने उपकार होते हैं कि सात जन्म बाद भी हम अपनी जन्मभूमि का कर्ज नहीं उतार सकते हैं। मिट्टी के आगे विनम्रता चलती है। कहा कि अब समय आ गया है कि अपनी मिट्टी का कर्ज उतारा जाए। पराशर ने कहा कि वह जसवां-परागपुर क्षेत्र के उत्थान के लिए जीवन की अंतिम सांस तक संघर्ष करेंगे। कहा कि उन्होंने कोरोना जैसी भयानक महामारी में जसवां-परागपुर क्षेत्र के पीड़ित परिवार तक पहुंचने का प्रयास किया।
उन्होंने कभी न दिन देखा और न रात, क्षेत्र में विजन के तहत कार्य करते रहे। यह सिर्फ इसिलए कि जसवां-परागपुर के किसी परिवार जन की आंखों में नमी न आए। अगर उनका हाथ पकड़कर और उनकी छोटी सी मदद से अगर कोई बड़ी बाधा को पार कर पाता है तो सही मायनों में यह उनके संजय पराशर होने को सार्थक करता है क्योंकि वह शिद्दत से अपनी मिट्टी के प्रति प्रतिबद्ध है।
यह भी पड़ेंः मल्लिकार्जुन खड़गे बने कांग्रेस के नए अध्यक्ष
पराशर ने कहा कि अगर क्षेत्रवासियों के स्नेह और आशीर्वाद से उन्हें विधानसभा में पहुंचने का अवसर मिलता है तो क्षेत्र का एक समान व संतुलित विकास करवाना उनकी प्राथमिकता में शामिल रहेगा। कहा कि क्षेत्र में जब तक एंबुलेंस सुविधा का समुचित व्यवस्था नहीं हो जाती, उनकी गाड़ी का उपयोग स्थानीय वासी एंबुलेंस के रूप में कर सकेंगे। जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिंद मुक्त करवाना उनका प्रमुख अभियान, संकल्प व लक्ष्य रहा है। इस अभियान को तब तक जारी रखा जाएगा, जब तक कि क्षेत्र पूर्ण रूप से मोतियाबिंद मुक्त घोषित नहीं हो जाता।
इसके साथ ही क्षेत्र में आंखों का अस्पताल खोलना भी उनकी प्रमुखता में शामिल रहेगा। संजय ने कहा कि हर छह माह बाद प्रत्येक पंचायत के विकासात्मक कार्यों और क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के बारे में रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा। क्षेत्र में चल रहे सभी विकास कार्यों की समीक्षा तीन महीनों के भीतर पूरी की जाएगी। कहा कि भविष्य की योजनाएं स्थानीय वासियों के परामर्श व मार्गदर्शन से तैयार की जाएंगी। पराशर ने कहा कि आवास योजनाओं के तहत पांच वर्ष में 2500 गरीब परिवारों के मकानों में आर्थिक सहयोग दिया जाएगा।
संजय ने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रति वर्ष पांच हजार नौकरियों का लक्ष्य तय किया गया है। कहा कि बाड़ी पंचायत के बडाल में खाली पड़ी 7000 कनाल भूमि पर उद्योग स्थापित करने की पहल की जाएगी। क्षेत्र की सभी 62 पंचायतों में ई-सेवा केंद्र खोले जाएंगे, जिनमें सरकारी जनकल्याण योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाया जाएगा। संजय पराशर ने कहा कि अवैध खनन व भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जीरो टोलरेंस नीति के तहत कार्य किया जाएगा।
संवाददाता : ब्यूरो रक्कड़
हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें।