अग्निकांड से बेघर हुए परिवारों की मदद के लिए कार सेवा दल आया आगे

सड़क सुविधा से अभी महरूम है गांव , सड़क होती तो आग पर पाया जा सकता था काबू

मनीष ठाकुर। कुल्लू

प्रदेश सहित जिला कुल्लू में आगज़नी की घटनाएं थमने का नाम नही ले रही। हाल ही में सैंज घाटी के अति दुर्गम गांव कराइला में शॉर्ट सर्किट से लगी आग के कारण एक ही मकान में रह रहे 4 परिवार के 19 लोग बेघर हो गए। इस मकान में चार भाई कादशी राम, रत्न सिंह, श्याम लाल, पूर्ण चन्द अपनी माता तेज़ी देवी के साथ रहते थे। गौर रहे कि देश की आज़ादी को 74 वर्ष पूरे होने वाले है और अभी भी यह गांव सड़क सुविधा से महरूम है। अगर सड़क होती तो आग पर काबू कर नुकसान कम हो सकता था।

वहीं दीन दुःखियों व किसी भी प्रकार की आपदा में मदद के लिए हर पल तैयार रहने वाली कारसेवादल व प्रयास संस्था को जैसे ही कराइला गांव में आगज़नी की घटना की जानकारी मिली तो दोनों संस्थाये अग्निकांड से प्रभावित परिवार की मदद के लिए सिउंड पहुंची और संस्था द्वारा अग्निकांड से प्रभावित चार परिवारों को रजाई गद्दे, तलाई, तंदूर, कंबल, खाना पकाने के लिए बर्तन, राशन ,अनाज रखने के लिए कटेंनर, कपड़े रखने के लिए ट्रंक, बाल्टी, जग, बच्चो के लिए स्कूल बैग, कापी, किताबें और अन्य जरूरत का सामान भी दिया गया।

कारसेवादल के अध्यक्ष मनदीप सिंह ने कहा कि कराइला गांव में बुधवार को हुए अग्निकांड से तेजी देवी का मकान पूरी तरह जलकर राख हो गया और शॉर्ट के कारण लगी। उन्होंने कहा कि जब भी कारसेवादल व प्रयास फॉउंडेशन को ऐसी कोई घटना की जानकारी मिलती है तो तुंरत ही ऐसे परिवारों की मदद की जाती हैं। दोनों संस्थाओं की ओर से इन परिवारों को दो महीने का राशन, रजाई, तलाई और अन्य जरूरत का सामान जीवनयापन के लिए दिया गया।

अग्निकांड से बेघर हुए रत्न सिंह ने बताया कि पिछले बुधवार को उनके घर मे बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गयी है और सबकुछ जलकर राख हो गया है। उन्होंने कारसेवादल व प्रयास संस्था का मदद के लिए आभार जताया।

प्रयास संस्था के मुख्यसलाहकार अश्वनी सोहल ने कहा कि कारसेवादल व प्रयास फॉउंडेशन प्राकृतिक आपदा हो, गंभीर रूप से ग्रसित बीमार लोगों, विधवा महिलाओं, गरीब बच्चो के लिए आर्थिक मदद देती है और दोनों संस्थाएं आपस मे समन्वय स्थापित करके किसी भी प्रकार आपदा में तत्काल राहत पहुंचाती है। साथ ही आमजन से अपील कि भी अगर कहीं भी इस तरह की घटना होती है तो गांव के सामर्थ्य लोग भी प्रभावित परिवार की मदद को आगे आएं।