गैर-कानूनी ड्रग्ज ट्रेडिंग का बादशाह दिल्ली में पुत्र सहित काबू

आरोपितों ने देश के 17 प्रदेशों में फैला रखा था लंबे समय से ड्रग ट्रेडिंग का कारोबार

अखिलेश बंसल। बरनाला

दिल्ली में बैठकर देशभर में गैर-कानूनी ड्रग ट्रेडिंग का कारोबार चला रहे क्लावीडॉल किंग को पंजाब पुलिस ने पुत्र सहित हिरासत में लिया है। पुलिस की इस सफलता को लेकर पंजाब पुलिस के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने ट्वीट कर जानकारी सार्वजनिक की है, काबू किए कारोबारियों को बड़ी मछली बताया है और उनकी फोटो भी ट्वीट पर अप लोड की है। गुरूवार की देर रात दोनों कारोबारियों (पिता-पुत्र) को जिला बरनाला की जेएमआईसी सुरेखा रानी की माननीय अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने जांच के लिए पुलिस को 31 अगस्त तक का रिमांड दिया है।

ट्वीट कर यह दी जानकारी
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने ट्वीटर एकाऊंट पर जानकारी दी है कि हरि कृष्ण अरोड़ा जिसकी पहचान क्लावीडॉल बादशाह के तौर पर है वह खुद और उसका लड़का गौरव अरोड़ा देश की राजधानी दिल्ली के नरेला में विशालकाय, लेकिन गैर-कानूनी फर्मास्युटीकल कंपनी’ न्युटेक हेल्थ केयर’ के निर्माता हैं। देश के 17 राज्यों के अंदर प्रति माह औसतन 18 से 20 करोड़ रुपए की नशीले दवाओं की सप्लाई करते आ रहे हैं। इनके संबंध नशा तस्करी के दिग्गज मथुरा और आगरा गैंग के साथ हैं, जिला बरनाला की पुलिस ने इन गिरोहों का जुलाई 2020 दौरान पर्दाफ़ाश किया था।

10 वर्ष में किया देश की 60 प्रतिशत मार्कीट पर कब्ज़ा
कंपनी की खंगाली गई हिस्ट्री के मुताबिक अरोड़ा पिता-पुत्र ने फार्मास्यूटिकल कंपनी की शुरुआत साल 2010 दौरान की थी, जहां खास क्वालिटी की दवाएं तैयार करने के लिए सर्वोत्तम व आधुनिक तकनीक वाली मशीनें स्थापित की थी। उन्होंने उत्पादन में विशेषता रखने वाले तजुर्बेकारों को इस शर्त पर तैनात किया था, जो अंतरराष्ट्रीय मार्केट में दूसरी कंपनियों को मुश्किलों पैदा कर सकें, यानि उनके मुकाबले की कोई दूसरी कंपनी दवा तैयार ही नहीं कर सके।

आगरा गैंग के संपर्क से मिले संकेत से हुए काबू
बरनाला जिला पुलिस की वरिष्ठ अधिकारी एएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन आईपीएस का कहना है कि जुलाई महीने के दौरान किए गए आपरेशन के दौरान काबू आए आगरा गैंग के सरगना अरोड़ा भाइयों हरीश अरोड़ा और कपिल अरोड़ा से की गई तफतीश में नरेला-दिल्ली के कारोबारियों हरि कृष्ण अरोड़ा और उसके लड़के गौरव अरोड़ा के नाम सामने आए थे, जिनके बारे में गहराई से पड़ताल की गई, उनके संपर्कों को खंगाया गया। पूरे इनपुट एकत्रित करने के बाद ही इन्हें दिल्ली से काबू किया गया। नशा कारोबार की जड़ें खत्म करने के लिए गुप्त आपरेशन जारी रहेंगे, जहां भी छापेमारी होगी वह पुख्ता सबूतों के आधार पर होगी।