कोरोना इफेक्ट : बिना देवी-देवाताओं के मनाया जाएगा कुल्लू का अंतरराष्ट्रीय दशहरा

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर
कोरोना महामारी के कारण भी इस वर्ष देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ की परंपरा नहीं टूटेगी और दशहरा के दिन रघुनाथ की भव्य रथ यात्रा होगी। लेकिन इस रथ यात्रा में इस बार जिला भर के सैकड़ों देवी-देवता भाग नहीं ले पाएंगे और न ही हजारों श्रद्धालू रथ खींच पाएंगे। पूरे सात दिनों तक भगवान रघुनाथ की परंपरा का निर्वहन होगा। सोमवार को दशहरा पर्व की पहली बैठक का आयोजन हुआ और इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कोरोना के नियमों का पालन करते हुए दशहरा पर्व मनाया जाएगा।

ढालपुर में नहीं होगा व्यापार, न होंगी सांस्कृतिक संध्याएं

बैठक में निर्णय लिया गया कि ढालपुर मैदान में किसी भी तरह का व्यपार नहीं होगा और न ही कोई दुकानें लग पाएगी। दशहरा पर्व में आने वाले लोग कुल्लू शहर की स्थायी दुकानों में ही खरीददारी कर सकते हैं। यही नहीं लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में भी किसी तरह का लोकनृत्य व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं होंगे। होगा तो सिर्फ दशहरा पर्व की परंपरा का निर्वहन। लिहाजा इस बार कोरोना के कारण देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा पर्व का स्वरूप बिल्कुल अलग हो गया है। बैठक में दशहरा कमेटी के अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मुख्य तौर पर भाग लिया, जबकि भगवान रघुनाथ जी की तरफ से मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह उपस्थित रहे।

देवी-देवता नहीं होंगे आमंत्रित

कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते हुए बैठक में निर्णय लिया गया कि जिला के किसी भी देवी-देवता को आमंत्रित नहीं किया जाएगा। सिर्फ उन सात देवी-देवताओं के निशान बुलाए जाएंगे जिन देवताओं की रथयात्रा में भूमिका जरूरी है। निर्णय यह लिया गया कि यदि सभी देवी-देवताओं को बुलाया गया तो कोविड-19 के नियमों की उल्लंघना होगी और कोरोना जैसी बीमारी पर कंट्रोल नहीं रहेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए यह भी निर्णय लिया गया कि दशहरा मैदान में व्यापार जैसी गतिविधियां भी नहीं की जाएगी। वहीं, भगवान नरसिंह की जलेब भी सूक्ष्म तौर पर होगी।

क्या कहते हैं गोविंद सिंह ठाकुर और महेश्वर सिंह

दशहरा कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि हम इस निर्णय पर पहुंच गए हैं कि भगवान रघुनाथ जी की रथयात्रा होगी और यह कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते ही होगी। उधर भगवान रघुनाथ जी के प्रमुख छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि परंपराएं निभाई जाएगी और इसमें कोरोना के नियमों का पालन होगा। उन्होंने लोगों व देवताओं से भी सहयोग की अपील की है। उन्होंने देवी-देवताओं से आशीर्वाद देने की अर्ज की है कि कोरोना जैसी बीमारी से मुक्ति दिलवाई जाए। उन्होंने कहा कि नरसिंह भगवान की जलेब का कार्यक्रम भी सूक्ष्म तरीके से होगा। बहरहाल दशहरा पर्व होगा,लेकिन नए स्वरूप में और सूक्ष्म तरीके से परंपरा का निर्वाह किया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय दशहरा मेला-2020 कुल्लू की बैठक में उपाध्यक्ष एवं उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा, कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, आनी के विधायक किशोरी लाल, नगर परिषद के उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत, कारदार संघ के पदाधिकारियों सहित दशहरा कमेटी के सदस्य मौजूद रहे। बैठक में विस्तार से चर्चा की गई कि आखिर किस तरह से कोरोना के इस संकट में दशहरा पर्व की परंपरा का निर्वाह किया जाए।