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Thursday, March 30, 2023

मुकेश अग्निहोत्री ने राज्यपाल को लिखा पत्र

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उज्जवल हिमाचल । शिमला

मोबाईल, सेनेटाइजर घोटाले और शव जलाने के मामले में की कार्यवाही की मांग

विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कोरोना महामारी के दौरान हिमाचल सरकार पर लापरवाही और नियमों को दरकिनार करने का आरोप लगाया है। नेता विपक्ष ने राज्यपाल हिमाचल प्रदेश बंडारू दत्तात्रेय को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिये विपक्षी कांग्रेस ने 8 बिंदुओं को उजागर कर सरकार पर भ्र्ष्टाचार और लापरवाही के आरोप लगाते हुए तुरन्त इस दिशा में जांच कर सम्बंधित दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

राज्यपाल को भेजा गया पत्र

आदरणीय राज्यपाल महोदय,
हिमाचल प्रदेश।
महोदय
जैसे कि आप जानते ही हैं कि कोरोना आज पूरे विश्व में एक भीषण महामारी का रूप धारण कर चुका है। कोरोना के कारण चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है। कोरोना के कहर के दौर में मैं आपका ध्यान में कुछ बेहद संवेदनशील मामले लाना चाहता हूं। आपसे आग्रह है कि तत्काल हस्तक्षेप करके इस दिशा में उचित कार्रवाई करें।

1 महोदय, हिमाचल प्रदेश सरकार कोविड फंड का दुरुपयोग कर रही है। सरकार ने नियमों को धता बताते हुए कोविड के लिए आए पैसे में से क़रीब सवा दो लाख रुपये के मोबाइल फोन ख़रीदे हैं। सवाल है कि क्या मोबाइल फोनों की खरीद जरूरी थी ? क्या प्रदेश सरकार के अफ़सर विपदा की घड़ी में अपने फ़ोन इस्तेमाल नहीं कर सकते थे?

2 इसी तरह प्रदेश में सेनीटाइजर की ख़रीद में कथित तौर पर घपला हुआ है। पता चला है कि सेनीटाइजर निर्धारित दरों से ऊंची दरों पर ख़रीदा गया है। ऐसी भी चर्चा है कि पी पी ई किटों की जगह एक स्थान पर रेनकोटों की सप्लाई की गई है। अगर ऐसा है तो यह बहुत बड़ी चूक है।यह कोरोना से लड़ रहे डॉक्टरों और अन्य स्टाफ के साथ धोखा है।इस मामले की फौरन जांच होनी चाहिए।

3 आपदा कि इस घड़ी में प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ. मुकंद को हटा दिया गया। डॉ. मुकंद विख्यात डॉक्टर और ईमानदार व्यक्ति हैं। सरकार को बताना चाहिए कि वैश्विक महामारी के समय में प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान के प्रमुख को क्यों हटाया गया? कहीं इसकी पृष्ठभूमि में कोई बड़ी ख़रीद तो नहीं, जिसे सत्तारूढ़ दल का कोई नेता अपने चहेतों को दिलवाना चाहता है? यह गंभीर मामला है। इस दौर में ऐसी ओच्छी राजनीति नहीं होनी चाहिए।

4 यह बड़े शर्म की बात है कि सरकार ने कोरोना के खिलाफ ज़ंग रहे योद्धाओं का वेतन काटा है।क्या सरकार बताएगी कि किन परिस्थितियों में कोरोना योद्धाओं, जिनमें डॉक्टर, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ़ , पुलिस शामिल है,सबका वेतन कर्मों और कैसे काटा गया है?जबकि सब राज्यों में इन्हें प्रोत्साहन राशि देने की बात हो रही है। देशभर में इन योद्धाओं पर हैलीकॉप्टरों से पुष्प बरसाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री के आह्वान पर इनका हौसला बढ़ाने के थालियां बजाई जा रही हैं और दीप प्रज्वलित किए गए। ऐसे में हिमाचल सरकार वेतन काटने का शर्मनाक कदम उठाकर इन योद्धाओं की हिम्मत तोड़ रही है।

5 क्या सरकार बताएगी कि मंडी जिले के सरकाघाट से लाए गए कोरोना के मरीज़ के अंतिम संस्कार में अमानवीय तरीके क्यों अपनाए गए। परिजनों को संस्कार से दूर रखते हुए मृतक को लावारिश कैसे घोषित किया गया। मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाते हुए किसके आदेश से डीज़ल डालकर से मृतक का संस्कार किया गया?

6 कोरोना के कारण घरों से बाहर यहां-वहां फंसे प्रदेश के लोगों की मदद करने के लिए जिन अधिकारियों को नोडल अफ़सर लगाया गया है वे परेशान जनता के फ़ोन नहीं उठा रहे हैं। सरकार बताए कि फ़ोन बंद करने या काल फारवर्ड करने या डयूटी बदलवाने वाले अफसरों के ख़िलाफ़ क्या करवाई की जा रही है?

7 शराब को आवश्यक सामान की सूची में डालने की अधिसूचना जारी करने वाले अफ़सरों के ख़िलाफ़ क्या करवाई हुई?
कोरोना के दौर में सीमेंट के दाम बढ़ाने वाली कंपनियों के ख़िलाफ़ क्या करवाई हुई?

8.प्रदेश से बाहर से आने वाले अपने लोगों को बॉर्डर पर स्वास्थ्य जांच के बगैर प्रवेश करवाने वाले अफ़सरों के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई हुई?
राज्यपाल महोदय आपसे यह भी आग्रह है कि इस दौरान प्रदेश के लोगों के नाम सरकारी संदेश देने के लिए डटी भारी-भरकम फ़ौज की बजाय राज्य स्तर पर प्राधिकृत अधिकारी केंद्र की तर्ज़ पर लगाया जाए ताकि सरकारी संदेश और निर्देश जनता को साफ़ तौर पर मिल सकें।
धन्यवाद सहित।

भवदीय
मुकेश अग्निहोत्री
नेता प्रतिपक्ष
हिमाचल प्रदेश

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