उज्जवल हिमाचल। मंडी
संयुक्त राष्ट्र द्वारा भारत के कहने पर वर्ष 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष’ (‘International Millet Year’) घोषित करने के साथ ही हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय इस ओर बेहतरीन कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित कृषि विज्ञान केंद्रों में मिलेटस की पैदावार और संरक्षण पर लगातार जोर दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र मंडी में एक मल्टी यूटिलिटी मशीन स्थापित की जा रही है। इससे किसानों को मिलेटस की फसल की प्राईमरी और सेकेंडरी प्रोसेसिंग करने के साथ-साथ इसे गुणवत्ता (quality) वृद्धि उत्पाद के तौर पर बाजार में लाने की सुविधा मिलेगी।
यह भी पढ़ेंः सिराज घाटी में खूनी संघर्ष, 2 लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास करने पर मामला दर्ज
यह जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पंकज सूद ने दी। पंकज सूद ने कहा कि मंडी जिला के विभिन्न क्षेत्रों में लगाए जाने वाली मिलेटस की फसल के लोकल बीजों को कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा संरक्षित और उन पर अनुसंधान (Research) किया जा रहा है। वहीं अनुसंधान में मिलेटस की अच्छी किस्म मिलने पर पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (PPV&FRA) को भेजकर किसानों के अधिकारों को सुरक्षित किया जा सके। इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्र खरीफ सीजन में मिलेटस पर प्रदर्शनियां भी लगाने जा रही हैं। पंकज सूद ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के फार्म पर भी मिलेटस के बीजों का उत्पादन किया है। मिलेटस उत्पादों में गुणवत्ता वृद्धि करना सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।