नगर निगम शिमला नहीं वसूलेगा कूड़े के बिलों पर सरचार्ज, दाह संस्कार के लिए कर्मचारी नियुक्त

वर्चुअल रूप से हुई मासिक बैठक

उज्जवल हिमाचल। शिमला

कोरोना महामारी के दौर में नगर निगम शिमला ने शहरवासियों को बड़ी राहत दी है। नगर निगम शिमला ने एक तरफ जहां शहर के कारोबारियों को कूड़े के बिलों पर सरचार्ज न लगाने का फैसला लिया है। वहीं, कोरोना वायरस से अस्पतालों में मरने वाले मरीजों का दाह संस्कार करने के लिए चार कर्मचारी तैनात किए हैं जिन्हें एमसी शिमला दो-दो हजार रुपए प्रति शव देगी। शनिवार को हुई नगर निगम शिमला की वर्चुअल मासिक बैठक में तीन ही मुद्दों पर चर्चा हुई। मासिक बैठक में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े। नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते इस बार नगर निगम शिमला की मासिक बैठक वर्चुअल माध्यम से की गई है जिसमें कोरोना महामारी के दौरान एमसी द्वारा किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा की गई। महापौर ने बताया कि कोरोना महामारी से इस बार सैंकड़ों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है।

मरीजों को उठाने के लिए परिजन भी कतरा रहे हैं। ऐसे में आपदा प्रबंधन नियम के तहत एसओपी जारी की गई है जिसमें स्थानीय निकायों को अस्पतालों में मरने वाले मरीजों का दाह संस्कार करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसके तहत एमसी शिमला ने चार कर्मचारी तैनात किए हैं। इनमें से दो कर्मचारी अस्पतालों में और दो कमर्चारी श्मशानघाट में तैनात किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान एमसी के कर्मचारियों सेनीटाईजेशन से लेकर घर घर से कूड़ा उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में एमसी के एक सैहब कर्मचारी की मौत हुई है जिसे आर्थिक तौर पर एमसी ने एक लाख रुपए की राशि दी है । इसके अलावा मृतक की पत्नी को करुनामुलक आधार पर नौकरी दी जाएगी। साथ ही सरकार द्वारा फ्रंटलाइनर घोषित किए जाने के बाद मृतक का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। मासिक बैठक में लालपानी एसटीपी प्लांट को अपग्रेड करने का भी निर्णय लिया गया।