45 वर्षों बाद विपक्ष में बैठेगा नूरपुर का विधायक

Noorpur MLA will sit in opposition after 45 years
45 वर्षों बाद विपक्ष में बैठेगा नूरपुर का विधायक

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर
नूरपुर में लगभग साढ़े 4 दशकों बाद यह पहला अवसर होगा कि नूरपुर का विधायक विपक्ष में बैठेगा। नूरपुर के मतदाताओं ने ऩये चेहरे को विधायक निर्वाचित करके एक इतिहास रच दिया। लगभग 45 वर्षों से नूरपुर हमेशा सत्ता के साथ चलता आया है।

लेकिन इस बार नूरपुर में भाजपा का विधायक मतदाताओं ने चुना है जबकि सरकार कांग्रेस की बनी है। उल्लेखनीय है कि सन् 1977 में जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. सत महाजन पहली बार विधायक बने थे। तो प्रदेश में सरकार जनता पार्टी की बनी थी। 1977 के बाद 45 वर्षों के अंतराल के बाद यह पहला अवसर है कि जब सरकार किसी अन्य पार्टी की है तथा नूरपुर का विधायक भाजपा पार्टी से है। सन् 2007 में जब भाजपा के नेता राकेश पठानिया आजाद चुनाव जीते थे।

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तो प्रदेश में धूमल सरकार बनने पर वह सरकार में एसोसिएट विधायक बने थे। नूरपुर में कमल खिलाने वाले निक्का दूसरे नेता बने। गौरतलब है कि नूरपुर में सन् 1998 से पहले सत महाजन गुट तथा केवल सिंह पठानिया गुटों का ही वर्चस्व रहा। 1998 से पहले कभी भी भाजपा के प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सके।

लेकिन 1998 में पहली बार पूर्व वन मंत्री राकेश पठानिया ने पहली बार नूरपुर में भाजपा का कमल खिलाया। इसके बाद 2007 तथा 2012 में दो बार भाजपा ने राकेश पठानिया के अलावा दो नए चेहरों को उतारा लेकिन भाजपा चुनाव हार गयी व दोनों भाजपा कैंडीडेटों की जमानत जब्त हो गयी।

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2017 में जब दोबारा से राकेश पठानिया को पार्टी का टिकट मिला तो नूरपुर में कमल खिला। 2022 में भाजपा ने रणवीर सिंह निक्का को प्रत्याशी बनाया। जिन्होंने पूरे दम से चुनाव लड़ नूरपुर में कमल खिलाया तथा ऐतिहासिक जीत दर्ज कर राकेश पठानिया के बाद दूसरे नेता बने।

संवाददाताः विनय महाजन

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