युवाओं के लिए रोजगार की सूचना का आधार बने संजय द्वारा खोले गए कार्यालय

मर्चेंट नेवी सहित अन्य नौकरियों के लिए जानकारी उपलब्ध करवाता है प्रशिक्षित स्टाफ

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

शिक्षा व रोजागर के विजन व ध्येय को लेकर चल रहे कैप्टन संजय द्वारा खोले गए तीन कार्यालय युवाओं के लिए रोजगार की सूचना का आधार बन रहे हैं। इन कार्यालयों में हर रोज बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं और रोजगार संबंधी जानकारी जुटाते हैं। इसके अलावा चार इंग्लिश लर्निंग व कंप्यूटर सेंटर भी विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित होने लगे हैं। इन केन्द्रों में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों का आंकड़ा तीन सौ को पार कर गया है। दरअसल पिछले वर्ष काेरोनाकाल शुरू होने के बाद पराशर ने पहला कार्यालय चिंतपूर्णी में खोला था। उसके बाद इस वर्ष फरवरी में डाडासीबा और अप्रैल में रक्कड़ में भी कार्यालय खोले गए। इन कायार्लयों में प्रशिक्षित स्टाफ की नियुक्ति की गई है। अब तक तीन कार्यालयों में रोजगार की जानकारी के लिए 2587 युवा दस्तक दे चुके हैं।

बड़ी बात यह भी है कि इन्हीं कार्यालयों से पिछले एक वर्ष में 289 युवाअों को मर्चेंट नेवी में भी नौकरी हासिल हुई है। इन कार्यालयों में युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन फार्म भरने की भी निशुल्क सुविधा संजय द्वारा प्रदान की गई है। इसके अलावा एनडीए, मर्चेंट नेवी और विभिन्न परीक्षा संबंधी पुस्तकें भी युवाओं को अध्ययन के लिए दी जाती हैं। वहीं, मेहड़ा, लग्ग, कटोह-टिक्कर और नारी-घाटी में खोले गए इंग्लिश लर्निंग व कंप्यूटर सेंटर में विद्यार्थी विशेष रूचि दिखा रहे हैं। इन केन्द्रों में 314 विद्यार्थी व युवा शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

चारों केन्द्रों में शिक्षक पढ़ाई के अलावा सामान्य ज्ञान की कक्षाएं भी लेते हैं तो आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विषयों का ज्ञान भी छात्रों को दिया जाता है। विद्यार्थियों आयुष, वर्षा, प्रगति, अंजलि, मीनाक्षी, आर्यन, रजत, रोहित, साहिल, खुशी और प्राची का कहना है कि वे रोजाना स्कूल का हाेमवर्क करते हैं और साथ में अंग्रेजी व कंप्यूटर भी सीखते हैं। इसकेे बाद शिक्षक उन्हें खेल गतिविधियाें में भी शामिल करते हैं। विद्यार्थियों के अभिभावकों राहुल, नीलम, पंकज, अंजना, दीपक, राजेश और कंचन ने बताया कि उनके बच्चे कैप्टन संजय के सौजन्य से केन्द्रों में निशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और यह सुविधा उन्हें घर-द्वार पर मिल रही है।

इसके लिए वे पराशर के आभारी हैं। संजय पराशर का कहना है कि हम जितने मर्जी विकास और उन्नत्ति की बातें कर लें, लेकिन जब तक गांव का सर्वांगीण विकास नहीं होगा, देश अपेक्षाकृत आगे नहीं बढ़ सकता। युवाओं को रोजगार मिले तो गांव खुद विकास के रास्ते पर आगे निकलेंगे। शिक्षा व रोजगार के लिए जमीनी स्तर पर कार्य शुरू किया है। उम्मीद है कि इसके निकट भविष्य में सकारात्मक परिणाम रहेंगे। कहा कि कुछ समय बाद जसवां-परागपुर क्षेत्र के अन्य गांवों में इंग्लिश लर्निंग व कंप्यूटर सेंटर खोलने पर विचार चल रहा है। स्वाणा और चौली में ऐसे केन्द्र खोलने के लिए जगह फाइनल की जा चुकी है और शीघ्र ही विद्यार्थी वहां निशुल्क शिक्षा ग्रहण करेंगे।