पंचायत प्रतिनिधियों ने भाजपा नेताओं के खिलाफ खोला मोर्चा

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के लगभग दो दर्जन पंचायत प्रतिनिधियों ने स्थानीय भाजपा नेताओं विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कुछ स्वयंभू नेताओं के चलते संगठन में पड़ी गुटबाजी के कारण पंचायत प्रतिनिधियों को विकास के नाम पर गुमराह और भ्रमित किया जा रहा है। स्वयंभू भाजपा नेता आए दिन मुख्यमंत्री और मंत्रियों साथ अपनी फोटो खिंचवा कर अधिकारियों पर दबाव बनाकर उन्हें भी डरा धमका रहे हैं। भाजपा नेता उनके कार्यकाल में कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र को स्वीकृत योजनाओं पर श्वेत पत्र जारी करें।

प्रधान जोगीपुर रिम्पल, उप प्रधान जोगीपुर अरुण कुमार, प्रधान अब्दुल्लापुर सपना देवी, प्रधान बेदी हरमिंदर सिंह गोरा, उप प्रधान बेदी अभय सिंह, प्रधान भडीयाडा रविन्द्र सिंह, उप प्रधान भडीयाडा मनोहर लाल, उप प्रधान गहलिया, उप प्रधान गाहलिया किशोरी लाल मेहता, प्रधान गग्गल रेणु पठानिया, उप प्रधान गग्गल भुवनेश चड्डा, प्रधान झिक्ली इच्छी कुसुम लता, प्रधान खोली केवल कुमार, प्रधान कोहाला बलवंत सिंह, उप प्रधान मोहिंद्र सिंह, प्रधान मटौर कैप्टन निर्मल सिंह, उप प्रधान मटौर संजीव कुमार काका ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में भी शराब के ठेकों पर संतरा मार्का देसी शराब धड़ल्ले से बिक रही है।

प्रदेश सरकार उसकी जांच करवाएं कि वह असली है या नकली। ताकि ग्रामीण क्षेत्र की जनता के स्वास्थ्य के साथ किसी तरह का खिलवाड़ ना हो। उन्होंने भाजपा नेताओं द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सीवरेज परियोजना के लिए 40 करोड़ रुपए मंजूर होने की नोटिफिकेशन दिखाने की मांग भी की ताकि पंचायतों में जाकर वह प्रदेश सरकार के इस सराहनीय कार्य से जनता को अवगत करवा सकें।

पंचायत प्रधान मेहरना राजिन्द्र सिंह, उप प्रधान मेहरना बाबु राम, प्रधान पलेरा सतपाल, प्रधान रानीताल परवीन बॉबी, सनौरा प्रधान सुनीता देवी, उप प्रधान तरसुह अश्विनी कुमार, प्रधान तरखानकड़ किरण बाला, प्रधान वीरता बिंदू ने कहा चुनावी वर्ष में स्थानीय भाजपा नेता अधिकारियों व कर्मचारियों पर दबाव बनाकर विकास में भेदभाव कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से कांगड़ा भाजपा में शामिल दल बदलू नेताओं पर लगाम कसने की गुहार भी लगाई ताकि आने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी और सरकार को किसी तरह का नुकसान ना देना पड़े।