अधिकारियों का कमाल, जुगाड़ से तैयार की सैनेटाईजेशन पंपिंग मशीन

मनीष ठाकुर। कुल्लू

यह बिलकुल सच है कि आवश्यकता मनुष्य को अपनी शक्ति का उपयोग करने के  लिए प्रेरित करती है। जब इस कोरोना महामारी से पूर्ण संसार परेशान है । इस भयंकर बीमारी से बचने के लिए मास्क, सैनिटाइजर का प्रयोग व  सामाजिक दूरी बहुत जरूरी हैं । वहीं आवाजाही वाले क्षेत्र को सेनिटाइज़ करना बहुत ही अनिवार्य है। कुल्लू – मनाली एयरपोर्ट पर यात्री जहाज़ का आवागमन सरकार के निर्देशानुसार अभी बंद है । लेकिन देर सवेर यात्रियों की आवाजाही प्रारम्भ तो होगी ही । इस बात पर गौर करते हुए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण भुंतर ने कबाड़ के जुगाड़ जुगाड़ से बड़ी कामयाबी हासिल की। कबाड़ से सैनिटाइजिंग करने के लिए एक बेहतरीन मशीन तैयार की गई है ।

 

यात्रियों को सुरक्षा सहित सेवा प्रदान करने के लिए अथॉरिटी प्रतिबद्ध है। अपने इस मिशन की प्रतिबद्धता के लिए कुल्लू मनाली एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों के मध्य सामाजिक दूरी निर्धारण हेतु अनेकों उपाय किए हैं । यात्रियों के स्वास्थ जांच हेतु काउंटर, हैंड्स फ़्री मशीनें स्थापित की है। इसी क्रम में कुल्लू मनाली एयरपोर्ट पर पूरे टर्मिनल बिल्डिंग,अग्निशमन बिल्डिंग ,एटीसी बिल्डिंग  सीआईएसएफ बैरक आदि को ओपरेशन के बाद आवश्यक तौर पर रोज़ाना डिसइंफेक्ट करने हेतु एक हैवी ड्यूटी स्प्रे पंपिंग मशीन की आवश्यकता महसूस की गयी । जिस पर आस-पास के स्थानीय मार्किट से ऐसे पंपिंग मशीन की ख़रीद हेतु मूल्य पता किए गए।

जिनकी कीमत तक़रीबन एक लाख रुपये थी। हर नए आविष्कार,खोज और एक नयी सोच के पीछे आवश्यकता ही मुख्य बल है ।कुल्लू-मनाली एयरपोर्ट पर कार्यरत विद्युत अनुभाग के इंचार्ज नरेश कुमार और मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरपी श्रीवास्तव द्वारा इस हैवी ड्यूटी पंपिंग मशीन को कुल्लू मनाली एयरपोर्ट पर उपलब्ध संसाधनों से ही निर्मित करने का बीड़ा उठाया गया।  दोनों अधिकारियों द्वारा पहले उस मशीन की आवश्यक क्षमता,मशीन की डिज़ाईन और उसमें लगने वाले उपकरणों का एक खाका तैयार किया गया।

 

इसके बाद दोनों अधिकारीयों और वरिष्ठ अधीक्षक-एमटी मनोज कुमार द्वारा कुल्लू मनाली एयरपोर्ट पर मौजूद पुराने खराब पड़े सामान कबाड़ से जुगाड़ करके एक हैवी ड्यूटी सैनेटाईजेशन पंपिंग मशीन का निर्माण कर दिया गया।इस पंपिंग मशीन द्वारा सैनेटाईजेशन मिश्रण की फागिंग लगभग 25 फ़ीट तक की जाती है। यह पंपिंग मशीन आसानी से ट्रांसपोर्र्टेबल है।इस मशीन को बनाने में केवल एक हज़ार रुपये की लागत आयी है।

वहीं विमानपत्तन निदेशक भुंतर नीरज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अगर आवश्यकता हुई तो इस मशीन का सामुदायिक प्रयोग भी किया जा सकता है ।अपने कर्मचारी और अधिकारियों द्वारा कोरोना की लडाई में दिए गए योगदान को प्रशंसनीय बताया। । जरूरत पड़ने पर प्रशासन की आज्ञा से इस मशीन का प्रयोग संभावित एरिया में सेनिटाइजिंग करने के लिए किया जा सकता है।

विद्युत अनुभाग के इंचार्ज नरेश कुमार ने बताया कि इस मशीन को बनाने में उन्हें बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन आखिरकार वह लोग इस मशीन को बनाने में कामयाब हुए और बेहद से कम कीमत में उन्होंने इस मशीन को बनाया है ।

मुख्य सुरक्षा अधिकारी आरपी श्रीवास्तव ने बताया कि अभी उन्होंने 35 लीटर का टैंक लगाया हुआ है और आवश्यकता अनुसार उसे बड़ा भी किया जा सकता है उन्होंने बताया कि अभी मशीन एयर प्रेशर पर काम कर रही है और सैनिटाइजर के घोल को धुंध में तब्दील कर सनराइज किया जा रहा है ।