उज्ज्वल हिमाचल। डेस्क
इंसान को गरीबी इतना बेबस कर देती है कि वह चाहता तो बहुत कुछ है पर कर कुछ नहीं पाता। कुछ ऐसा ही प्रयागराज में देखने को मिला। बताया जा रहा है कि नखड़ की बेबसी देख कुछ राहगीर मदद के लिए आगे बढ़े और चंदा एकत्र कर शव को घाट तक पहुंचाने का इतजाम किया। नखड़ बनारस से आकर के झूंसी के नीबी गांव में रहकर पत्तल बेंचकर परिवार का खर्च चलाता था। पत्नी बीमार रहती थी। उसके पास पैसे नहीं थे कि पत्नी अनीता का ठीक से इलाज करा सके।
यह भी पढ़ेंः हिमाचल में मौसम ने बदली करवट, भारी बारिश व बर्फबारी को लेकर यैलो अलर्ट जारी
निजी अस्पताल में इस उम्मीद में उसने अनीता को भर्ती कराया था कि वह जल्द ठीक हो जाएगी। लेकिन शुक्रवार को अनीता की मौत हो गई। नखड़ को अस्पताल की तरफ से शव ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं उपलब्ध कराई गई। परेशान नखड़ और अनीता के पिता ने एक बांस तलाश कर उसमें कपडे के दोनों सिरों को बांधा और शव के अंतिम संस्कार के लिए चल पड़े।