विश्वविद्यालय परिसर की भर्तियों में हुई धांधलियों की जांच कराने की मांग को लेकर एसएफआई ने किया धरना प्रदर्शन

SFI staged a sit-in demonstration demanding an inquiry into the rigging of university campus recruitments
विश्वविद्यालय परिसर की भर्तियों में हुई धांधलियों की जांच कराने की मांग को लेकर एसएफआई ने किया धरना प्रदर्शन

उज्जवल हिमाचल। शिमला
एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य इकाई द्वारा आज विश्वविद्यालय परिसर में भर्तियों में हुई धांधलियों की जांच कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य सचिव अमित ठाकुर व राज्य अध्यक्ष रमन थारटा ने बताया कि एसएफआई ने विश्वविद्यालय में हुई भर्तियों में हुए फर्जीवाड़े को लेकर सितंबर महिने में 13000 पन्नों की सूचना एस आईटी के माध्यम से हासिल की।

जिससे यह उजागर हुआ है कि विश्वविद्यालय में भर्ती हुए शिक्षकों में से 70 प्रतिशत के करीब लोगों को अयोग्य होने के बावजूद भी नियुक्ति मिली है। इसलिए हमारा मानना है कि विश्वविद्यालय में बड़े स्तर पर भर्तियों में फर्जीवाड़ा किया गया है।

पिछले 5 वर्षों में तत्कालीन भाजपा सरकार के द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ मिलकर विश्वविद्यालय में यूजीसी की गाइडलाइंस व विश्वविद्यालय अधिनियम को दरकिनार करते हुए अपने चहेतों या यूं कहें कि आरएसएस व भाजपा के दलालों को फर्जी तरीके से भर्ती किया है। एक तरफ जहां हिमाचल प्रदेश का युवा लगातार बेरोजगारी से जूझ रहा है। प्रदेश में वर्तमान समय में लगभग आठ लाख युवा बेरोजगार हैं, जो रोजगार पाने की योग्यता भी रखते हैं।

लेकिन पिछली भाजपा सरकार इन नौजवानों को रोजगार देने के बजाय अपने भगवाकरण के एजेंडे के साथ भर्तियों में फर्जीवाड़ा करके अपने चहेतों को भर्ती करने में लगी हुई थी। एसएफआई का मानना है कि विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ है, इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका तत्कालीन वाइस चांसलर सिकंदर कुमार की रही है, जो खुद वीसी बनने की योग्यता पूरी नहीं करते थे।

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उन्होंने भाजपा और आरएसएस की कठपुतली बनते हुए यहां फर्जी तरीके से अपने बेटे को पीएचडी में एडमिशन भी करवाई तथा अपने चहेतों को भर्ती किया। जब पूरी दुनिया में कोरोना महामारी फैली थी तो लोग अपने घरों में रहने को मजबूर थे तथा राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सारी सीमाएं बंद थी।

ऐसे में विश्वविद्यालय द्वारा ऑफलाइन माध्यम से इंटरव्यू का आयोजन किया गया। जिनमें कई उम्मीदवारों ने कहा कि आप ऑनलाइन माध्यम से इंटरव्यू लीजिए कोरोना के चलते हम नहीं आ सकते हैं लेकिन सिकंदर कुमार ने अपने सांसद बनने की लालसा में भाजपा और संघ के अयोग्य लोगों को जल्दी-जल्दी भर्ती करने के चक्कर में ऑफलाइन इंटरव्यू करवाए और इंटरव्यू के आधार पर उसी दिन रिजल्ट भी घोषित किया और मेरिट को दरकिनार कर के अयोग्य लोगों को न्युक्ति दे दी।

कॉमरेड कुलदीप ने बताया कि आरटीआई के माध्यम से पता चला है के अधिकतर भर्ती हुए लोगों की पीएचडी डिग्री वैध नहीं है। भर्ती किए हुए लोगों ने फर्जी अनुभव के दस्तावेज दिए है, जिसकी जांच की जानी चाहिए। बहुत से रिसर्च पेपर ऐसे सामने आए है जो किसी भी जर्नल में पब्लिश न हुए है।

साथ ही साथ कुछ ऐसे मामले सामने आए है जिसमें पहले सात साल तक तो कोई भी रिसर्च पेपर पब्लिश न किया और जब भर्ती का समय आया तो अचानक एक ही टॉपिक पर एक ही जर्नल में पांच रिसर्च पेपर पब्लिश हुए जो सवालों के घेरे में है। इसके अलावा मेरिट को भी इसमें दरकिनार किया गया है।

एपीआई में 96 नंबर वाले को साइड करके 70 नंबर वाले को नियुक्ति दी गई है। आरक्षण के लिए इस भर्ती प्रक्रिया में 200 पॉइंट वाला रोस्टर लगाया गया है, जिसमें सीट्स को एक डिपार्टमेंट से दूसरे डिपार्टमेंट में फर्जी तरीके से शिफ्ट किया गया है। कुल मिलाकर 70 फीसदी लोगों के फर्जी भर्ती के सबूत प्राप्त हुए है।

एसएफआई द्वारा इस शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का पूरे प्रदेश में अलग-अलग संस्थानों में विरोध कर रहा है और इसकी न्यायिक जांच की मांग कर रहे है। विश्वविद्यालय में फर्जी लोगों को भर्ती करने के साथ-साथ आरक्षण रोस्टर में भी छेड़छाड़ की गई है।

अपने चहेतों को प्रोफेसर बनाने के लिए एक विभाग से सीट को उठा कर दूसरे विभाग में ट्रांसफर किया जा रहा है, जिसमें बायोटेक डिपार्टमेंट से फिजिकल एजुकेशन के लिए सीट ट्रांसफर की गई है जिसका एसएफआई कड़े शब्दों में विरोध करती है।

राज्य सचिव अमित ठाकुर ने प्रदर्शन का समापन करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में नई सरकार भाजपा की जनविरोधी नीतियों को नकारते हुए जनता ने चुनी है और छात्रों व नोजवानों को कई उम्मीदें वर्तमान सरकार से है। अगर विश्वविद्यालय में भर्तियों की न्यायिक जांच नहीं की गई तो एसएफआई पूरे प्रदेश के तमाम छात्र समुदाय को एकजुट करते हुए बजट सत्र के दौरान विधानसभा घेराव करेगी। जिसके परिणाम की सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
राज्य सचिव
अमित ठाकुर
85447-11594
राज्य अध्यक्ष
रमन थारटा

संवाददाताःब्यूरो शिमला

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