हिमाचल में पोस्टल बैलेट से स्लो वोटिंग कर्मचारी वर्ग के लिए बन रही सिरदर्दः संजीव गुलेरिया

Slow voting due to postal ballot in Himachal is becoming a headache for the working class: Sanjeev Guleria
हिमाचल में पोस्टल बैलेट से स्लो वोटिंग कर्मचारी वर्ग के लिए बन रही सिरदर्दः संजीव गुलेरिया

नूरपुरः प्रदेश न्यू पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल में पोस्टल बैलेट से स्लो वोटिंग कर्मचारी अधिकारी वर्ग के लिए सिरदर्द बनकर रह गई है। उन्होंने कहा कि 90 हजार कर्मचारियों के मत आना अभी भी शेष है।

डाक्टर संजीव गुलेरिया ने कहा कि मिल रही सूचना के अनुसार अभी तक चुनाव आयोग को सिर्फ 38 हजार बैलेट पेपर ही मिल पाए हैं जबकि 90 हजार कर्मचारियों के पोस्टल मत आना अभी भी बाकी हैं। डाक्टर संजीव गुलेरिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पोस्टल बैलेट से हो रहे मतदान की धीमी प्रक्रिया राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों के लिए ही नहीं अपितु पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्षरत एन पी एस कर्मचारी अधिकारी वर्ग के लिए भी चिंता बनी हुई है।

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पोस्टल बैलेट से करीब एक लाख 30 हजार कर्मचारियों ने वोट करना है। इन कर्मचारियों का वोट राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों के लिए काफी मायने रखता है। हिमाचल में बैलेट पेपर से मतदान की प्रक्रिया काफी धीमी चल रही है। उधर चुनाव आयोग मतदाताओं को वोट डालने के लिऐ जागरुक कर रहा है।

डाक्टर संजीव गुलेरिया ने कहा कि विधानसभा चुनावों में उतरे प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों के निगाहें अब इन कर्मचारियों के वोट पर हैं। इन कर्मचारियों के वोट एक विशेष राजनीतिक दल व प्रत्याशियों की जीत के समीकरण बिगाड़ेगा।

इसलिए न्यू पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश चुनाव आयोग से मांग करता है कि पोस्टल बैलेट से हो रही वोटिंग में तेजी लाई जाए। डॉ. संजीव गुलेरिया ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में एक-एक वोट महत्त्वपूर्ण है और सर्विस वोटर व पोलिंग स्टाफ के पोस्टल बैलेट में स्लो वोटिंग चिंता का विषय है।

संवाददाताः विनय महाजन

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