कुफरी की मिट्टी में आए (सिस्ट निमेटोड) रोग का वैज्ञानिकों ने निकाला तोड़

कुफरी के फार्म में फिर से शुरू होगा आलू के बीज का उत्पादन

केंद्र सरकार से मिली मंजूरी

उज्ज्वल हिमाचल। शिमला

केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) शिमला ने शोध के बाद आलू के बीज में आए सिस्ट निमेटोड रोग का तोड़ निकाल लिया है। अब हिमाचल प्रदेश समेत पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में हिमालिनी, गिरधारी, ज्योति और करन जैसी किस्मों के आलू बीज का संकट नहीं होगा।केंद्र सरकार ने भी छ साल बाद आलू के इन बीजों के उत्पादन करने को मंजूरी दे दी है।

केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के निदेशक बृजेश सिंह ने बताया कि छ वर्ष पूर्व कुफरी के फार्म में सिस्ट निमेटोड रोग बीज में पाया गया था जिसके चलते उत्पादन रुक गया था जिसका हिमाचल सहित पर्वतीय राज्यों को नुक़सान उठाना पड़ा। लेकिन अब केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के वैज्ञानिको ने इसी चुनौती के तौर पर लिया और सिस्ट निमेटोड को खत्म करने की तकनीक तैयार की।

जिसके परिणाम स्वरूप भारत सरकार ने 6 मार्च, 2024 को आलू बीज कंदों की उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर से भारत के अन्य सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में आवाजाही की अनुमति कुछ विशेष शर्तों के साथ प्रदान कर दी है अब केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला अपने फार्म पर पुनः बीज उत्पादन की श्रंखला को शुरू कर सकेगा। संस्थान के कुफरी-फागू फार्म पर उत्पादित ब्रीडर बीज पर्वतीय राज्यों को मुहैया करवाए जाते हैं। इस बीज को आगे चल कर सभी राज्यों को सप्लाई किया जाता हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें