पंजाबी गायक काका की कहानी : मजदूरी करते हैं पिता, बेटा सिंगिंग स्टार

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

सोशल मीडिया के दौर में कुछ ऐसे नायाब कलाकार भी लोगों को मिले हैं, जो किसी मौके के मोहताज नहीं रहे और अपने ही दम पर पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं। इनमें ही एक नाम पंजाबी सिंगर काका का भी शुमार किया जाता है। यूट्यूब पर 2019 में अपना एक गाना सूरमा उन्होंने शेयर किया था। इस गाने को अपार लोकप्रियता मिली थी और तब से अब तक काका लगातार छाए हुए हैं। लिबास, तीजी सीट, धूर पेंडी, तेन्नू नी खबरां जैसे कई गानों के चलते काका पंजाबी म्यूजिक में नए स्टार के तौर पर उभरे हैं। महज एक साल के अंदर काका की लोकप्रियता इतनी तेजी से बढ़ी है कि उनके ज्यादातर गानों के व्यूज करोड़ों में हैं।

काका की यह सफलता इसलिए भी चौंकाती है क्योंकि उन्होंने किसी प्रोडक्शन कंपनी की मदद के बिना ही यह सफलता हासिल की है। 26 साल के काका का जन्म पंजाब के चंदूमाजरा में हुआ था। सरकारी स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद बीटेक करने वाले काका के पिता एक राजमिस्त्री के तौर पर काम करते हैं। काका को 5वीं क्लास से ही पंजाबी लोकगीतों को गाने का शौक था। वह अकसर सिंगिंग कॉम्पीटीशन में भाग लिया करते थे। सिख परिवार में जन्मे काका न सिर्फ गाते हैं बल्कि गाने लिखते भी हैं। उनके कई गानों को जबरदस्त लोकप्रियता मिली है।

यहां तक कि मंगलवार को ही रिलीज हुआ उनका नया गाना इग्रोर महज एक दिन में ही दो मिलियन व्यूज के आंकड़े तक पहुंचने वाला है। भगवान शिव पर आधारित काका का गाना भोलेनाथ भी काफी पॉप्युलर हुआ था। पंजाबी संगीत के दीवानों के लिए वह नई सनसनी की तरह हैं। काका ने यूं तो 2019 में ही सूरमा गाने के जरिए करियर शुरू कर दिया था, लेकिन उन्हें असली पहचान 2020 में आए उनके गाने तीजी सीट से मिली थी। इस गाने को न सिर्फ उन्होंने लिखा था बल्कि आवाज भी दी थी। उस गाने की लोकप्रियता के बाद काका ने एक के बाद एक लगातार कई हिट गाने दिए हैं। माना जा रहा है कि काका आने वाले समय में पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में बड़े स्टार के तौर पर उभर सकते हैं। काका भले ही देखने में एक सामान्य युवक लगते हैं, लेकिन उनकी प्रतिभा असाधारण है। महज एक साल में ही उनका बड़ा फैन बेस तैयार हुआ है।