टरवाईं को भी मिले अलग पंचायत का दर्जा, नहीं तो होगा चुनावों का बहिष्कार

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

हिमाचल प्रदेश में पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को लेकर हर जगह से लोगों के विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। ऐसा ही मामला उपमंडल बल्ह की ग्राम पंचायत लोहाखर से सामने आया है। इस पंचायत से टरवाई अलग पंचायत बनाने का एक प्रस्ताव डीसी मंडी के माध्यम से प्रदेश सरकार को भेजा गया था, जिसमें लोहाखर से काटकर नई पंचायत टरवाई का गठन होना तय हुआ था, लेकिन सरकार की नई अधिसूचना में टरवाई को अलग पंचायत का दर्जा नहीं मिल पाया, जिससे यहां के स्थानीय जनता में भारी रोष है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस वाबत उन्होंने एक प्रस्ताव अपनी पंचायत से पास करवाकर जिलाधीश को भेजा था। उसके बाद अगली प्रक्रिया के लिए वह प्रदेश सरकार को भेज दिया गया था। वहीं, स्थानीय जनता इस बात के लिए पूरी तरह आश्वस्त थी कि उन्हें अब नई पंचायत मिल जाएगी, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो स्थानीय जनता को इस बात का गहरा दुःख हुआ है। इसके चलते आने वाले चुनावों के बहिष्कार के लिए सबने मिलकर रणनीति बनाई है।

पंचायत अलग नहीं हुई तो करेंगे चुनावों का बहिष्कार
जनता ने आक्रोशित होकर यह बयान जारी किया है कि टरवाई माहौल को नई पंचायत का दर्जा नहीं दिया गया, तो आने वाले पंचायती राज चुनावों का सभी मिलकर बहिष्कार करेंगे। स्थानीय लोगों में पंकज, गणेश दत्त, दिलीप, संजय, दिनेश, दीपक व कमल आदि ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा नई पंचायतों के पुनर्गठन में जो पात्रता मापदंड रखा था, वह एक जैसा सभी पंचायतों के लिए नहीं अपनाया गया, जिसकी वजह से यहां की स्थानीय जनता भी आक्रोशित है। जनता ने कहा कि पंचायतों की सिफारिशें लगी वह पंचायतें अलग हो गई।

अगर पंचायतों के लिए न्यूनतम जनसंख्या आधार अगर बनाया गया है, तो इस हिसाब से बहुत सारी ऐसी पंचायतों का गठन किया गया है। इनकी संख्या उतनी नहीं है। बावजूद उसके उनका पुनर्गठन किया गया, जो कि सरासर गलत है। इसी बात को आधार बनाकर यहां की स्थानीय जनता इसका विरोध जता रही है। स्थानीय जनता ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि इस मांग को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और हमें नई पंचायत के तौर टरवाई को पंचायत
बनाया जाए।