उज्जवल हिमाचल। नूरपुर
नूरपुर सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी चल रही है। डॉक्टरों के स्वीकृत 34 पद हैं जबकि वर्तमान में महज 28 डॉक्टर कार्यरत हैं। अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद गत चार वर्षों से रिक्त चल रहा है। जिसके चलते लाखों की मशीन वर्षो से धूल फांक रही है। जिसके चलते नूरपुर हल्के के चार विधानसभा क्षेत्रों नूरपुर, फतेहपुर, इंदौरा, ज्वाली के अलावा भटियात के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इस दौरान कुछ माह के लिए यहां अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ की नियुक्ति हुई थी लेकिन कुछ माह बाद ही यहां से उनका टांडा को स्थानांतरण कर दिया गया। अल्ट्रासाउंड ना होने से मरीजों को निजी अस्पताल, पठानकोट या टांडा मेडिकल कॉलेज का रुख करना पड़ता है।
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नूरपुर अस्पताल में तैनात मेडिकल अधीक्षक सुशील शर्मा का कहना है कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ के पद रिक्त होने के सम्बंध में विभाग को समय-समय पर जानकारी भेजी जाती है। मेरे पास मरीज जो भी समस्या लेकर आते है उनका समाधान मौके पर किया जाता है। नूरपुर अस्पताल में हर माह मरीजों के सफल ऑपरेशन किए जाते है। नूरपुर के सरकारी अस्पताल में मरीजों के उपचार के लिए हमने जनहित में व्यवस्था परिवर्तन किया है। आज हजारों मरीज इस अस्पताल का लाभ उठा रहे है।
संवाददाताः विनय महाजन
